जयपुर। राजस्थान के जैसलमेर में सात साल पहले मिले डायनासोर के फुटप्रिंट चोरी हो गए हैं। यह चोरी वैज्ञानिकों के लिए समस्या उत्पन्न करने वाली बात है। क्योंकि, 15 करोड़ साल पुराने डायनासोर के फुटप्रिंट की पहचान बड़ी मेहनत के बाद की गई थी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि थईयात गांव की पहाड़ियों पर दुर्लभ फुटप्रिंट खोजे गए थे। हैरान करने वाली बात यह है कि फुटप्रिंट एक महीने पहले चोरी हुए थे, लेकिन अभी तक स्थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है।
20 वैज्ञानिकों की टीम ने खोजे थे निशान
इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि राजस्थान के जैसलमेर इलाके में डायनासोर के प्रमाण मिल सकते हैं। इसको लेकर 2014 में इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ साइंटिस्ट की 20 लोगों की टीम ने थईयात गांव की पहाड़ियों की खोज शुरू की। इसी दौरान दो पैरों के निशान मिले, जिसके बाद उनकी मार्किंग कर उन्हें सुरक्षित कर लिया गया। इस खोज को 2015 में पब्लिश किया गया था।
संरक्षण न होने से गायब हुए निशान
इस खोज से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि कई बार वे स्थानीय प्रशासन को इस बारे में लिख चुके हैं कि इस तरह की खोजों का संरक्षण किया जाना चाहिए। इसके बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते वे निशान चोरी हो गए। बताया जा रहा है कि जिन फुटप्रिंट को खोजा गया था वे डायनासोर के 30 सेंटीमीटर पंजे के निशान थे। इस तरह के डायनासोर तीन मीटर ऊंचे, पांच से सात मीटर चौड़े होते थे।
माना जा रहा है कि डायनासोर के फुटप्रिंट वाली शिला को काई विद्यार्थी या खोजकर्ता ले गया हो। हालांकि, इसकी तलाश की जा रही है।
जयपुर
15 करोड़ साल पुराने डायनासोर के फुटप्रिंट जैसलमेर से हुए चोरी
- 21 Sep 2021