अब भोपाल में मुख्यमंत्री से मिलेंगे पीड़ित विद्यार्थी
इंदौर। एक नर्सिंग कालेज किस तरह पूरी व्यवस्था पर हावी हो सकता है, अक्षर स्कूल आफ नर्सिंग इसका उदाहरण है। बिना मान्यता के चल रहे कालेज में प्रवेश के बाद इसमें पढ़ाई ठप हो चुकी है। विद्यार्थी सवा महीने से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन उनको मूल दस्तावेज और फीस नहीं लौटाई जा रही है। इस बीच वे जिला प्रशासन और पुलिस से लेकर मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल तक पीड़ा रख चुके हैं।
परेशान विद्यार्थी भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मिलने का प्रयास करेंगे। पीड़ित विद्यार्थी भाईसिंह चौहान, मोना जयपाल आदि ने बताया कि हम प्रथम वर्ष के विद्यार्थी हैं। मात्र एक महीने कालेज लगा और पता चला कि कालेज को मान्यता नहीं है। कालेज प्रबंधन से हम अपनी 10वीं-12वीं की मार्कशीट, टीसी, माइग्रेशन सर्टिफिकेट और जमा की गई फीस वापस मांग रहे हैं, ताकि किसी दूसरे कालेज में प्रवेश ले सकें, लेकिन प्रशासन, पुलिस और नर्सिंग काउंसिल को बार-बार शिकायत करने के बाद भी न तो दस्तावेज लौटाए जा रहे हैं, न ही फीस दी जा रही है। विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो रहा है, लेकिन किसी को इसकी चिंता नहीं है। छात्रा उज्ज्वला बर्मन ने बताया कि हम अपने दस्तावेज और फीस वापस चाहते हैं। तीन दिन पहले हमने मधुमिलन चौराहे पर भी धरना दिया था। कालेज संचालकों की धोखाधड़ी की शिकायत लेकर लसूड़िया और पलासिया थाने में भी गए। पीड़ित विद्यार्थियों में से कुछ विद्यार्थी रविवार को मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से भी मिले थे। लेकिन वहां से उन्हे आश्वासन देकर लौटा दिया गया।
इंदौर
अक्षर नर्सिंग कॉलेज का मामला- सवा महीने संघर्ष के बाद भी विद्यार्थियों को नहीं मिला न्याय
- 07 Jun 2022