नई दिल्ली। उत्तरी इथोपिया में हजारों सालों के बाद एक ज्वालामुखी के सक्रिय होने के बाद राख का गुबार कई देशों को पार करते हुए अब भारत तक पहुंच चुका है। देर रात करीब 11 बजे राख दिल्ली तक पहुंच गया। दिल्ली के अधिकतर हिस्सों में आसमान में यह बादल की तरह यह राख फैल गया है।
करीब 10 हजार साल बाद फटे हैली गुब्बी ज्वालामुखी से निकला राख पिछले 24 घंटे में लाल सागर और मिडिल ईस्ट के आसमान में छा गया है। इसके बाद यह उत्तर-पश्चिमी भारत की ओर तेजी बढ़ा। मौसम विभाग इस पर नजर रख रहा है। राख की मोटी बरत, सल्फर डाइऑक्साइड और पत्थर के कण राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, पंजाब आदि राज्यों में फैल गए हैं।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के डायरेक्टर जनरल एम मोहापात्रा ने एचटी को बताया कि दिल्ली के प्रदूशन स्तर पर ज्वालामुखी की राख का बहुत अधिक असर की संभावना कम है क्योंकि यह बहुत अधिक ऊंचाई पर है। एयर क्वालिटी पर उन्होंने कहा, 'यह साफ नहीं है कि क्या यह एयर क्वालिटी पर असर डालेगा। लेकिन ज्यादा असर की संभावना कम है क्योंकि राख बहुत ऊंचाई पर है।'
खबर लिखे जाने के समय उन्होंने बताया कि राख गुजरात के करीब तक पहुंच चुका है और अगले कुछ घंटों में इसका प्रभाव दिल्ली, एनसीआर और उत्तर भारत के पड़ोसी राज्यों तक होगा। मोहापात्रा ने कहा कि इसका असर मुख्यतौर पर विमान संचालन में होगा।
चूंकि राख बहुत अधिक ऊंचाई पर है इसलिए जमीन पर इसका असर सीमित होगा। उन्होंने कहा, 'आसमान धुंधला और बादलों से भरा दिखेगा। इसका असर कुछ घंटों तक रहेगा, क्योंकि यह आगे की ओर बढ़ रहा है।' उन्होंने कहा कि इन शहरों में तापमान में कुछ वृद्धि हो सकती है क्योंकि राख बादलों की तरह आसमान को ढंक देता है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान
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इथोपियाई ज्वालामुखी की राख दिल्ली पहुंची, आसमान हुआ धुंधला
- 25 Nov 2025



