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इंदौर

ऐसी प्लानिंग करें कि गर्मी में टैंकर चलाने की आवश्यकता नहीं हो

  • 22 Aug 2022


निगम द्वारा बकाया जलकर हेतु लगेगे जलकर निराकरण शिविर
इंदौर (नप्र)। शहर की जलप्रदाय व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए की गर्मी के सीजन में टैंकर दौड़ाने की आवश्यकता न पड़े। शहर में जितनी भी पेयजल टंकियां है उसका नेटवर्किंग जोरदार होना चाहिए जिससे की लोगों को परेशानी न हो। यह बात महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जल प्रदाय को लेकर हुई बैठक में कहीं। इस मौके पर निगमायुक्त प्रतिभा पाल भी मौजूद थी।
निगम में स्थित महापौर सभाकक्ष में जलप्रदाय को लेकर एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस  बैठक में  अपर आयुक्त भव्या मित्तल, कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव, जलप्रदाय के समस्त सहायक यंत्री, उपयंत्री व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। महापौर ने सर्वप्रथम नर्मदा जलप्रदाय के कार्य में संलग्न पीएचई के अधिकारियो से परिचय लिया।  इस अवसर पर अपर आयुक्त भव्या मित्तल व कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव द्वारा महापौर  भार्गव को जलूद से नर्मदा जल को किस प्रकार से पम्पिंग कर इंदौर शहर में लाया जाता है और किस प्रकार से शहर में विभिन्न पेयजल टंकियों में जलवितरण किया जाता है, के संबंध में प्रेजेटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई।
जलप्रदाय की प्लानिंग अच्छी हो
महापौर भार्गव ने कहा कि इंदौर में जलप्रदाय के लिये ऐसी प्लानिंग करे कि ग्रीष्मकाल में इंदौर टैंकर फ्री इंदौर रहे, इसके लिये शहर में स्थित विभिन्न जल स्त्रोतो का समुचित उपयोग किया जा सके।  
बकाया जलकर हेतु लगेगे निराकरण शिविर
महापौर भार्गव व आयुक्त प्रतिभा पाल ने जलप्रदाय समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिये कि ऐसे नल कनेक्शन जो पूर्व वर्ष से नागरिको ने ले रखे है उन्हे किसी कारण वश जलप्रदाय सप्लाय नही किया गया, किंतु जलकर की मांग जल कनेक्शन के समय से ही कि जा रही है, ऐसे नागरिको से कम से कम 7 दिन का समस्त झोनल कार्यालय व निगम मुख्यालय पर जलकर निराकरण शिविर लगाकर नागरिको से आवेदन प्राप्त करे और उनका नियमानुसार जलकर देयक संबंधित समस्या का निराकरण भी करे।
महापौर श्री भार्गव ने कहा कि शहर के आस-पास 30 से 40 कि.मी. के अंदर कई तालाब व अन्य जल उपलब्धता के स्त्रोत है उनका उपयोग हम इंदौर के लिये कैसे कर सकते है, इसके लिये एक योजना बनाऐं। इसके साथ ही शहर के अंदर ऐसे क्षेत्र जो कि बोरिंग पर निर्भर है उन क्षेत्रो में भी तथा अन्य क्षेत्रो में भी कुऐं-बावडी इत्यादी पानी के अन्य स्त्रोत है उनका उपयोग किस प्रकार से किया जा सकता है इसके लिये भी योजना बनाऐ।