8वीं के छात्र ने 55 किमी चलाई सायकल, गेम डेवलपर बनना चाहता है मासूम
इंदौर। बदलते समय में जिस तेजी से इंटरनेट का उपयोग हो रहा है और यह लोगों के लिए सुविधाजनक बनता जा रहा है उतना ही परेशानी का सबब भी बन रहा है। दरअसल सबसे ज्यादा ऑनलाइन गेम लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। बच्चे और नाबालिग तो क्या युवा और बड़े भी इन गेमों के आदि हो चुके हैं और इसकी लत के चलते कुछ भी कर गुजरते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें मां ने बच्चे को मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलने से मना क्या किया, 13 साल का बच्चा इतना नाराज हो गया कि वह घर से भाग गया। बैग में कपड़े भरे और साइकिल से निकल पड़ा। मां का मोबाइल भी साथ ले गया। बच्चा 55 किमी साइकिल चलाकर उज्जैन से इंदौर पहुंच गया। किसी तरह पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को 8वीं क्लास का छात्र उज्जैन की कैलाश अंपायर कॉलोनी से लापता हो गया था। वह घर से साइकिल से मेन रोड तक आने के लिए निकला, जहां स्कूल बस आना थी। पीछे-पीछे मां पैदल चलकर पहुंचीं। मां जब मेन रोड पर पहुंची तो वहां बेटा नहीं दिखा। उन्होंने घर लौटकर देखा तो वहां भी नहीं मिला। उनका मोबाइल भी घर पर नहीं था। आसपास तलाश की, कुछ पता नहीं चला तो पुलिस को जानकारी दी।
उज्जैन पुलिस ने नाके के सीसीटीवी फुटेज देखे। जिसमें वह साइकिल से इंदौर जाता हुआ दिखाई दिया। पुलिस ने बच्चे की मां की मोबाइल लोकेशन की ओर टीम रवाना की। पुलिस इंदौर के मरीमाता चौराहे से उसे खोज लाई। बच्चे ने पुलिस को बताया, मां ने मोबाइल पर गेम खेलने को लेकर डांटा था। गेम भी डिलीट करा दिया था। गुस्सा होकर स्कूल बैग में अपने कपड़े और मां का मोबाइल रख साइकिल से निकल गया। इंदौर से मुंबई जाऊंगा, गेम डेवलपर बनना है। इस पर पुलिस ने उसे छोटी उम्र का हवाला देकर समझाया कि जो भी बनना चाहते हो, 18 साल की उम्र के बाद करना। पुलिसकर्मियों ने उसकी साइकिल जीप में रखी व बालक को गाड़ी में बैठाकर उज्जैन ले गए। इसके बाद बच्चे को परिजनों के सुपुर्द किया।
इंदौर
ऑनलाइन गेम के लिए उज्जैन से इंदौर आ गया बच्चा
- 23 Jun 2022