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इंदौर

कोरोना- सरकारी तौर पर सेंपलिंग घटाई

  • 09 Jun 2022

इंदौर। कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे फिर बढऩे लगा है। जून के सात दिन में शहर में 75 से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि इनमें से किसी में भी कोरोना के गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले। ज्यादातर मरीज घर पर ही रहकर इलाज ले रहे हैं। डाक्टरों का मानना है कि जिन लोगों को कोरोना के दोनों टीके लग चुके हैं उन्हें कोरोना का खतरा अन्य के मुकाबले बहुत कम है। ऐसे लोगों पर कोविड-19 वायरस हमला तो कर सकता है लेकिन टीके की वजह से शरीर में तैयार हुई एंटीबाडी वायरस से लड़कर उसे कमजोर कर देती है।
श्वसन तंत्र विशेषज्ञ डा. सलिल भार्गव के मुताबिक अक्सर देखने में आता है कि कोरोना के दोनों टीके लगवाने के बाद लोग इस बीमारी को लेकर लापरवाह हो जाते हैं। यह सही नहीं है। जिन्हें दोनों टीके लग चुके हैं उन्हें भी कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए सावधानी बरतना चाहिए। ऐसे मरीज जिन्हें किडनी, दिल, लीवर की बीमारी है या जिन्हें मधुमेह इत्यादि है उन्हें विशेष सावधानी बरतना चाहिए। ऐसे लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य से कम होती है। यही वजह है कि वायरस इन लोगों पर आसानी से हमला कर देता है। जून 2021 में भी कोरोना ने कहर बरपाया था। पिछले साल जून में इंदौर में 2668 संक्रमित मिले थे। इस साल भी अब तक 75 संक्रमित मिल चुके हैं।
सैंपलिंग की संख्या घटाई
इधर कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हो रही है उधर स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की जांच ही कम कर दी है। मंगलवार को भी सिर्फ 164 नमूने ही जांचे गए। इनमें भी वे लोग शामिल हैं जिन्होंने निजी केंद्रों पर जांच करवाई है।