इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अवैध कॉलोनियां वैध करने की घोषणा की। घोषणा के बाद अधिकारियों ने
इसी साल 17 मई को मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश में सभी अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। अब नई अवैध कॉलोनी नहीं बनने दी जाएगी, लेकिन अब तक जो बन चुकी हैं, उन्हें सरकार बिजली का वैध कनेक्शन देगी। लेकिन कभी भी इसके लिए समय सीमा निर्धारित नहीं की गई। यही कारण है कि अवैध कॉलोनियों में रहने वाले सरकार के झांसे में आ जाते हैं। अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कवायद 2002 से चल रही है। 2012 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैध करने की घोषणा की थी। चुनाव के बाद मामला ठंडा पड़ गया। इसके बाद 2018 में चुनाव आए, तब कहा गया कि 2017 तक की कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। 2019 में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सरकार के फैसले को पलटते हुए धारा 15-ए को शून्य कर दिया। इस कारण फिर से प्रक्रिया रुक गई। 2021 में सरकार ने कॉलोनियों को वैध करने का नया अध्यादेश बनाया है। इसे फरवरी 2022 में लागू किया गया। इसके बाद नगर निगम चुनाव आ गए, जिसके चलते प्रक्रिया रुक गई। अब एक बार फिर से प्रक्रिया शुरू हुई है।
15 लाख वोटर
यह सारा मामला इन कॉलोनियों में रह रहे 7 लाख से ज्यादा परिवारों से जुड़ा है। इतने परिवारों का मतलब है 15 लाख से ज्यादा वोट। ये सभी लोग सबसे ज्यादा इन कॉलोनाइजरों के सताए हैं। पिछली बार यानी 2018 में जब इन कॉलोनियों को वैध करने की तैयारी थी, तब भी लोग नाराज थे कि अफसरों ने अवैध कॉलोनाइजरों को सीधे बचा लिया है।
वैध भी अवैध हो गई
इंदौर सहित प्रदेशभर की हजारों अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए नियमों का सरलीकरण भी किया गया। नजूल एनओसी को लेकर भी शासन ने स्पष्ट आदेश जारी कर दिए। मगर इंदौर नगर निगम के कॉलोनी सेल को वैध की जा सकने वाली 207 अवैध कॉलोनियों को नजूल एनओसी का अभी भी इंतजार है। निगम ने अपने स्तर पर ले-आउट तैयार करने के साथ-साथ प्राधिकरण, टीएनसीपी की एनओसी भी हासिल कर ली है। इनमें 196 तो वे कॉलोनियां शामिल हैं जिन्हें कुछ साल पहले भी वैध कर दिया था। मगर फिर मप्र हाईकोर्ट के आदेश के चलते ये फिर से अवैध घोषित हो गई।
उसके बाद शासन ने नियमों में संशोधन किए और हाईकोर्ट द्वारा जिन बिंदुओं पर कॉलोनियों के नियमितिकरण की प्रक्रिया को अवैध ठहराया था उसे ठीक भी किया गया। नतीजतन इंदौर निगम ने फिर प्रक्रिया शुरू की और 196 पुरानी के साथ-साथ 11 अन्य अवैध कॉलोनियों के प्रकरण भी मिले हैं। मगर इंदौर की इन 207 कॉलोनियों के लिए अभी नजूल एनओसी का इंतजार चल रहा है। इंदौर नगर निगम कमिश्नर ने कॉलोनी सेल के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि जिन कॉलोनियों को वैध किया जाएगा, उन्हें निगम की वेबसाइट पर अपलोड करें। कॉलोनी सेल ने शहर के साथ निगम सीमा में आए 29 गांवों की अवैध कॉलोनियों का सर्वे करवा लिया है। 85 वार्डों में 950 कॉलोनियां अवैध निकली। टीएंडसीपी, आईडीए, नजूल और सीलिंग की अनापत्ति के बाद 596 कॉलोनियों को वैध किया जा सकता है। हालांकि अभी 194 की ही सूची प्रकाशित की गई है।
इंदौर
कॉलोनियां को वैध करने की घोषणा हमेशा उलझन में फंसी
- 22 Dec 2022