- पार्षदों से लिया जा रहा फीडबैक गर्मी में लगने वाले पानी के टैंकरों की संख्या कम करने में लगा निगम
इंदौर। गर्मी के दिनों में जलापूर्ति करने के लिए नगर निगम हर वर्ष 485 से ज्यादा पानी के टैंकर ठेके पर लगाता है। इनकी संख्या कैसे कम की जा सकती है इसके लिए वार्डवार बैठकों का दौर शुरू हो गया है। साथ ही पार्षदों से वार्ड में जलप्रदाय की स्थिति को लेकर फीडबैक भी लिया जा रहा हैं। निगम की प्लानिंग है कि वार्ड की जिन छोटी कॉलोनियों में टैंकर से जल वितरण करना पड़ता है वहां पर नर्मदा की पाइप लाइन डालकर टैंकर बंद कर दिए जाएं।
नर्मदा के तीन चरण आ गए हैं। अब चौथे चरण का पानी लाने की तैयारी है। इसको लेकर पिछले वर्ष निगम बजट में राशि का प्रावधान भी किया गया था। नर्मदा का तीसरा चरण आने के बाद निगम जलप्रदाय विभाग के अफसरों ने दावा किया था कि शहर में न तो पानी की कमी होगी और न ही ठेके पर टैंकर चलाने की जरूरत पड़ेगी। यह दावा फेल हो गया, क्योंकि हर वर्ष गर्मी में ठेके पर पानी के टैंकर लगाकर कई कॉलोनियों में जलापूर्ति करना पड़ती है। पिछले वर्ष गर्मी में निगम वर्कशॉप विभाग ने छोटे-बड़े मिलाकर ठेके पर 485 टैंकर लगाए गए थे। इसमें जलप्रदाय करने, बगीचों में पानी देने से लेकर साफ-सफाई का कार्य करने वाले टैंकर भी शामिल थे। जलप्रदाय करने वाले टैंकरों की संख्या 425 के आसपास थी। टैंकर पर तकरीबन 13 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसके अलावा निगम ने अपने 86 टैंकरों से भी पानी बांटने का काम किया था। विधायक निधि के 40 के करीब टैंकर अलग चल रहे है। ट्रैक्टर, डीजल और ड्राइवर का खर्च निगम ही उठाता है।
इन कामों के लिए भी लगेंगे टैंकर
निगम वर्कशॉप विभाग ने गर्मी में लोगों को पानी देने के लिए जहां प्रायेवट टैकर लगाने को लेकर निविदा आमंत्रित की है, वहीं सार्वजनिक बगीचों, शौचालयों-मूत्रालयों की धुलाई करने और फायर फाइटिंग को लेकर भी प्राइवेट टेंकर लगाने को लेकर निविदा बुलाई है।
टैंकर लगाने के लिए बुला लिए हैं टेंडर
नर्मदा के तीनों चरण मिलाकर रोजाना शहर में 540 एमएलडी पानी आने के बावजूद लोगों को एक दिन छोड़कर पानी सप्लाय होता है। कई कॉलोनी-मोहल्ले ऐसे हैं जहां पर पूरी तरह से जलापूर्ति नहीं होती है। गर्मी के दिनों में हालत खराब हो जाती है, क्योंकि भीषण गर्मी बढऩे से नर्मदा नदी का जलस्तर नीचे ह्यचला जाता है। इसके साथ ही नदी- तालाब के सूखने से जलस्तर कम हो जाता है, वही बोरवेल के कठ सूखने लगते हैं। सार्वजनिक और प्रायवेट बोरवेल बंद हो जाते हैं। ऐसे में लोगों को पानी किल्लत झेलना पड़ती है। प्रायवेट टैंकर ठेके पर लगाने को लेकर निगम वर्कशॉप विभाग ने टेंडर जारी कर दिए है। ट्रैक्टर टैंकर से लेकर बड़े टैंकर डीजल, पाइप और नल सहित ठेके पर चलाने के टेंडर किए गए हैं, जिनकी क्षमता 5 से 15 हजार लीटर की है।
इंदौर
गर्मी आते ही टैंकरों को लेकर शुरु होने लगे वार्ड वार
- 06 Apr 2023