इंदौर। तेज गति से आ रहे ट्रक दो दोस्तों की जान ले ली। दरअसल ट्रक की टक्कर से दोनों बुरी तरह घायल हो गए। एक ने तो अस्पताल ले जाने के पहले ही दम तोड़ दिया, जबकि दूसरे की इलाज के दौरान मौत हो गई। दोनों दोस्त किसान थे और खेत पर काम निपटाकर लौट रहे थे, तभी रास्ते में हादसा हो गया।
हादसा शिप्रा थाना क्षेत्र में हुआ। पुलिस ने बताया कि मृतकों के नाम रूप नारायण पिता कालू और शंकर चौधरी निवासी सनावदिया है। गुरुवार की शाम दोनों अपने अपने खेतों में काम कर एक ही बाइक से घर लौट रहे थे। तभी सनावद या के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। ट्रक की टक्कर से दोनों उछल कर सड़क से दूर जा गिरे। इस हादसे में शंकर चौधरी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि रूपनारायण में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ केस दर्ज कर ट्रक को जब्त कर लिया है। अब पुलिस ट्रक चालक की तलाश कर रही है।
बस दुर्घटनाग्रस्त, मौके पर जा रहे पुलिसकर्मियों का वाहन टकराया; छह घायल
इसी प्रकार किशनगंज थाना क्षेत्र के उमरिया में तेज रफ्तार बस ने गुरुवार शाम को कार और बाइक को टक्कर मार दी। इसके बाद बस पुलिया पास खाई में जा गिरी। हादसे में एक युवक घायल हो गया है, जिसे उपचार के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया है। सूचना मिलने पर मौके पर जा रहे पुलिस कर्मियों का भी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें किशनगंज थाने के 5 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इसमें एक महिला एसआई और एक महिला आरक्षक भी है। यहां महू से इंदौर की ओर जा रही तेज रफ्तार उपनगरी यात्री बस असंतुलित हो गई। सामने से आ रहे हैं, बाइक सवार और कार सवार को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद तेज रफ्तार उपनगरी बस एक गड्ढे में जा गिरी, इस दौरान बस में बैठे कुछ यात्रियों को मामूली चोट आई हैं। घटना की जानकारी लगते ही किशनगंज पुलिसकर्मी मौके पर जाने के लिए निकले। किशनगंज थाना प्रभारी कुलदीप खत्री ने बताया कि उमरिया में एक्सीडेंट होने की सूचना पर थाने से बल रवाना किया था। रास्ते में वेटनरी कॉलेज के पास ट्रैक्टर और पुलिस की जीप में भिड़ंत हो गई। इसमें घटना के दौरान किशनगंज थाने में पदस्थ स्ढ्ढ मिकिता चौहान, प्रधान आरक्षक मोहन देवड़ा, प्रधान आरक्षक पन्नालाल, महिला आरक्षक अनिता रावत और एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हुआ है। पुलिसकर्मियों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है।
समय पर पहुंचने की जल्दी दे रही हादसों का निमंत्रण
गुरुवार को सिमरोल थाना क्षेत्र में हुए हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और करीब 45 से अधिक बस की रफ्तार तेज होना बताया जा रहा है। यातायात पुलिस और परिवहन विभाग भले ही इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सारे प्रयास करें नियम बनाएं लेकिन अक्सर देखा गया है कि इन नियमों का कोई पालन नहीं होता। वही यात्री बसों से होने वाले हादसों के पीछे एक कारण यह भी बताया जाता है कि बस चालकों पर समय पर बस पहुंचाने का दबाव रहता है इसके चलते वह तेज गति से वाहन चलाते हैं और सड़क हादसा होता है। सूत्र बताते हैं कि पहले ही सवारियों के चक्कर में बस से 10 से 15 मिनट की देरी से रवाना की जाती है वहीं चालकों को समय पर बच्चे पहुंचाना रहती है। यदि वह समय पर बस नहीं पहुंचाते हैं तो कई बार ट्रेवल्स के संचालक और बस मालिक उनके साथ मारपीट भी करते हैं ऐसे में यात्री वाहनों को तेज गति से चलाना उनकी मजबूरी हो जाती है। यह पहली बार नहीं है जब तेज रफ्तार यात्री वाहन के कारण हादसा हुआ है। पहले भी कई बार सड़क हादसों में निर्दोष लोग मौत का शिकार हो चुके हैं। इस तरह के हादसों के बाद संबंधित विभाग के जिम्मेदार जाते हैं और फिर वाहनों की फिटनेस सहित अन्य जांच का अभियान चलाया जाता है, लेकिन किस कारण से यात्री वाहन तेज रफ्तार में बुलाई जाते हैं इसकी तह तक कोई नहीं पहुंचता।
इंदौर
ट्रक ने ले ली दो दोस्तों की जान, बाइक से जाते समय मारी थी टक्कर
- 24 Jun 2022