नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि चीन चोरी-छिपे परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है. ट्रंप के इस दावे से हलचल मच गई जिसके बाद अब चीन ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. चीन ने ट्रंप के दावे का पुरजोर खंडन करते हुए कहा है कि वो एक जिम्मेदार परमाणु हथियार संपन्न देश है जो शांतिपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
ट्रंप के आरोपों पर चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि उनका देश परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर 'No First Use' यानी 'पहले इस्तेमाल न करने' की नीति पर कायम है.
माओ ने साफ किया कि चीन की परमाणु नीति पूरी तरह से आत्मरक्षा पर आधारित है और वह कम्प्रिहेन्सिव न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी (CTBT) की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय परमाणु निरस्त्रीकरण और अप्रसार सिस्टम की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
माओ निंग ने यह भी आशा जताई कि अमेरिका CTBT के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा और इस संबंध में ग्लोबल ऑर्डर के नियमों का सम्मान करेगा.
दरअसल, गुरुवार को दक्षिण कोरिया में शी जिनपिंग से मुलाकात से ठीक पहले ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा था कि अमेरिका तीन दशकों में पहली बार परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करेगा.
इसके बाद उन्होंने CBS न्यूज के शो '60 Minutes' में अमेरिका के परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के फैसले को सही ठहराया था.
उन्होंने दावा किया था कि रूस, पाकिस्तान, चीन और उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों का चोरी-छिपे परीक्षण कर रहे हैं.
ट्रंप ने कहा था, 'वे (अन्य देश) परीक्षण करते हैं और हम नहीं करते. हमें भी परीक्षण करना होगा. रूस ने हाल ही में कुछ अलग स्तर के परीक्षण करने की बात कही थी, रूस परीक्षण करता है, चीन परीक्षण करता है, लेकिन वो इसके बारे में कोई बात नहीं करते हैं. इसलिए अब हम भी परीक्षण करेंगे.'
ट्रंप का कहना था कि इन देशों के परीक्षण अंडरग्राउंड होते हैं जिनका पता लगाना मुश्किल होता है.
साभार आज तक
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ट्रंप के आरोपों पर झल्लाया चीन! सुना दी खरी-खरी
- 04 Nov 2025



