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बाबा पंडित

दान-पुण्य करें, लेकिन यह भी याद रखिए

  • 12 May 2022

ज्योतिष के अनुसार कुछ ऐसे पुण्य कार्य, जिनको करने से सकती है बहुत बड़ी हानि संसार में दान, परोपकार और समाज सेवा के कार्य बहुत शुभ माने जाते हैं, किंतु यदि इन कार्यों से कुछ लोगों को अनावश्यक उलझन में पडना पड़े तो उसे नहीं करना चाहिए। ज्योतिष में कुछ ऐसे योग होते हैं जिनसे पता चलता है कि हम कौन सा शुभ कार्य ना करें और क्या नहीं।
1: यदि आपकी कुंडली में जो ग्रह उच्च का हो या बली हो उसका दान करने से आपको उस ग्रह से संबंधित हानि उठानी पड़ सकती है। जैसे यदि कुंडली में शनि उच्च का है,अर्थात तुला राशि या मकर कुंभ राशि का तो उस व्यक्ति को शनि संबंधित दान, पुण्य एवं व्रत नहीं करना चाहिए।
2: यदि शनि आठवें स्थान में हों तो धर्मशालाएं या फ्री में रुकने की जगह नहीं बनवानी चाहिए। इससे शनि देव आपकी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
3: यदि शनि लग्न में हो और गुरु पांचवे स्थान में हो तो व्यक्ति को तांबे की वस्तुएं दान नहीं करनी चाहिए। यदि आप इन वस्तुओं का दान करोगे तो आपकी संतान के लिए कुछ ना कुछ अशुभ हो सकता है।
4:  गुरु दसवें भाव में हो और चंद्रमा चौथे भाव में तो व्यक्ति को मंदिर, गुरुद्वारा अथवा धर्म स्थान नहीं बनवाना चाहिए और ना ही निर्माण में सहयोग के लिए दान करना चाहिए। ऐसा करने से आप झूठे अभियोग में फंसकर कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटते रहेंगे।
5: यदि कुंडली में शुक्र नौवें स्थान में हो तो व्यक्ति को छात्र अथवा विधवाओं के लिए आर्थिक सहायता नहीं करनी चाहिए। इससे आपका चढ़ता हुआ भाग्य पुनः फर्श पर आ सकता है।
6: यदि चंद्रमा बारहवें स्थान में हो तो व्यक्ति को निशुल्क शिक्षा वाले स्कूल नहीं खुलवाने चाहिए और साधु-संतों को भोजन नहीं कराना चाहिए वरना अशुभ हो सकता है। घर से धन का आगमन  समाप्त हो सकता है और घर की बरकत खत्म हो सकती है।
7: यदि बृहस्पति सातवें भाव में हो तो उस व्यक्ति को मंदिर के पुजारी को अथवा ब्राह्मण को कपड़े भेंट नहीं करना चाहिए। यदि आप ऐसा करेंगे तो आपका घर में क्लेश हो सकता है और पत्नी-पत्नी के संबंधों में खटास आ  सकती है।
8: यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्रमा छठे स्थान में हो तो उस व्यक्ति को कोई भी दान-पुण्य के कार्य नहीं करने चाहिए, वरना वह कंगाल हो जाएगा। रोग, ऋण, शत्रु उसको घेर लेंगे।
उपरोक्त ज्योतिषीय विश्लेषण का तात्पर्य यह नहीं है कि आप कभी भी दान, पुण्य एवं अच्छे कर्म ना करें। परोपकार एवं दान पुण्य करने से तो आपको शुभ फल ही मिलता है, किंतु कुछ व्यक्तियों की कुंडलियों में ऐसे योग होते हैं जो आपके लिए शुभ नहीं होते। इन विशेष योग से आपको उपरोक्त कार्य करने से हानि हो सकती है। ऐसा ज्योतिष का संकेत है। दान-पुण्य के लिए और विकल्प भी अपनाए जा सकते हैं। ऐसे में विशेषज्ञ से अवश्य बात कर लें। 
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।) 
साभार लाइव हिन्दुस्तान