इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संचालित होने वाली परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को अब अधिक फीस जमा करनी होगी। विश्वविद्यालय ने चार साल बाद फीस में दस प्रतिशत वृद्धि की है। नई दरें जनवरी से होने वाली सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाओं पर लागू होंगी। फीस वृद्धि को लेकर विद्यार्थी नाराज हैं। उनके मुताबिक, पहले ही विश्वविद्यालय अधिक फीस वसूल रहा है। इसे आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
उच्च शिक्षा विभाग ने सत्र 2021-22 से स्नातक पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की है। इस बार विश्वविद्यालय ने परीक्षा शुल्क बढ़ाने पर विचार किया। कार्यपरिषद में मुद्दा रखा गया। उसके बाद फीस में दस फीसद वृद्धि की मंजूरी मिली। नवंबर 2022 में विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षाओं पर शुल्क में बढ़ोतरी कर दी। यह दरें जनवरी से होने वाली परीक्षा पर लागू होंगी। सेमेस्टर में पांच से छह विषय हैं, जबकि वार्षिक परीक्षाओं में नौ से 10 विषय हैं। प्रत्येक कोर्स का परीक्षा शुल्क विश्वविद्यालय ने निर्धारित कर दिया है।
कालेजों को भेजी जानकारी
कालेजों में पत्र भेजकर परीक्षा शुल्क के बारे में जानकारी दी है। अधिकांश कोर्स की स्नातक पाठ्यक्रम की परीक्षा फीस 1800 रुपये है। इनमें बीए, बीकाम, बीएससी, बीएचएमएस, बीएसडब्ल्यू, बीजेएमसी शामिल हैं, जबकि बीबीए-बीसीए की 3990, बी-लिब की 2630 रुपये फीस है। दस प्रतिशत फीस वृद्धि होने से विद्यार्थियों को 180 से 400 रुपये अधिक देने होंगे।
280 कालेजों में पढ़ते हैं तीन लाख विद्यार्थी
विश्वविद्यालय के दायरे में सरकारी और निजी कालेजों की संख्या 280 है, जिनमें स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या करीब तीन लाख है। विश्वविद्यालय सालभर में 800 से अधिक परीक्षाएं करवाता है, जिसमें मुख्य, एटीकेटी और पूरक परीक्षा शामिल है।
इंदौर
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने परीक्षा शुल्क 10 फीसद बढ़ाया
- 28 Dec 2022