इंदौर। द ग्रेट इंडियन टूर द्वारा बायपास स्थित एक्रोपोलिस कॉलेज में आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल आज प्रकृति , पर्यावरण और रचनात्मकता के नाम रहा।
यह जानकारी संयोजक प्रशांत गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि सभी ने इस बात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रकृति से दूरी बनाकर हम न सुखी हो सकते और ना खुश। प्रकृति प्रेमी देवकुमार वासुदेवन ने कहा कि पृथ्वी के अलावा कोई दूसरा ग्रह नही है जहां हम अच्छे से जी सकते है। अत इस ग्रह को बचाने की जिम्मेवारी भी हमारी है। लेखिका डॉ.अलका नेगी तोमर ने कहा कि मानव सभ्यता जब नही थी तब भी प्रकृति थी और आगे भी रहेगी।टेक्नोलॉजी के मोह में हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे है, जो एकअपराध है। लेखिका दीपा वंजानी ने कहा कि प्रकृति हमारी मां है,जिसमे संवेदना और करुणा दोनो है। प्रकृति का पर्यावरण से गहरा रिश्ता है।आर्टिस्ट विम्मी मनोज ने कहा कि अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम पेंटिग भी है। चित्र भी बोलते है।
इस मौके पर युवा लेखिका और नॉक आउट ऑफ लव की रचनाकार मेघा पटनी ने कहा कि सफलता और खुशी के लिए जरूरी नहीं कि लाइफ पार्टनर हो। एक अच्छा दोस्त और मां भी आपको मजबूती दे सकती है।मीडिया प्रभारी प्रवीण जोशी ने बताया कि लिटरेचर फेस्टिवल में 16 दिसंबर को पहले सत्र में वरिष्ठ कवि विनोद राज पहिलाजानी अपने कविता संग्रह जो आधा अधूरा कह दूं तू पर बात करेगे और चुनींदा कविताएं भी सुनायेगे।इस कविता संग्रह को काफी प्रसिद्धि मिली। अतिथि स्वागत डॉ. अशोक झंवर,डॉ. पूनम सिंह, सत्येंद्र चौहान और रजनीश पुपलीकर ने किया। संचालन किया प्रशांत गुप्ता ने और आभार माना डॉ.पूनम सिंह ने।
इंदौर
पुस्तक संस्कृति के साथ प्रकृति और पर्यावरण पर हुई बातचीत
- 16 Dec 2022