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इंदौर

फर्जी दस्तावेजों से बैंक ऑफ बड़ौदा से लिया 90 लाख का लोन ... बैंक मैनेजर व ऋणदार के खिलाफ ई.ओ.डब्ल्यू. ने किया प्रकरण दर्ज

  • 01 Jul 2022

इंदौर। बैंक ऑफ बडोदा, अन्नपूर्णा शाखा से फर्जी दस्तावेजों से एक कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों से 90 लाख रुपए का लोन लिया था। इस मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ई.ओ.डब्ल्यू.) ने तत्कालिन बैंक मैनेजर और ऋण लेने वाले कंपनी के कर्ताधर्ता के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
पुलिस अधीक्षक (ई.ओ.डब्ल्यू.) धनंजय शाह ने बताया कि बैंक ऑफ बडौदा रीजन के उप महाप्रबंधक द्वारा बैंक की ओर से धोखाधड़ी एवं संम्पत्ति का अपराधिक गबन संबंधी शिकायत संदेही मेसर्स ब्लू चिप इक्यूपमेंट एंड इंजीनियरिंग का प्रोपराईटर महेन्द्र अहीर निवासी महू के खिलाफ की गई थी, जिसमें संक्षिप्त आरोप है कि मेसर्स ब्लू चिप इक्यूपमेंट एंड इंजीनियरिंग का प्रोपराईटर महेन्द्र अहीर को 90 लाख का केश क्रेडिट ऋण सीमा 20 जुलाई 2018 को तत्कालीन शाखा सीनियर मैनेजर शैलेन्द्र चिकंजूरी द्वारा स्वीकृत तथा राशि वितरित की गई थी। मेसर्स ब्लू चिप इक्यूपमेंट एंड इंजीनियरिंग प्रोपराईटरषिप फर्म का कार्य ऑटो कम्पोनेंट निर्माण एवं असेम्बलिंग करना था। उक्त प्रोपराईटरशिप फर्म प्रोपराईटर द्वारा केश क्रेडिट ऋण स्वीकृति हेतु मेसर्स ब्लू चिप इक्यूपमेंट एंड इंजीनियरिंग के नाम से एस.बी.आई. बैंक का पूर्व से संचालित चालू खाते का स्टेटमेंट बैंक शखा में जमा किया गया था। संबंधित दस्तावेजों के आधार पर तत्कलीन मैनेजर ने ऋण स्वीकृत कर दिया था। आरोपी महेंद्र द्वारा ऋण जमा नहीं किया जा रहा था। मामला रीजनल ऑफिस पहुंचा था। जांच में पता चला कि आरोपी महेंद्र ने चालू खाते का स्टेटमेंट स्वयं का बताकर बैंक शाखा में प्रस्तुत किया गया था, वह किसी अन्य फर्म का है, जिसे कूटरचित किया गया था।
10 लाख प्लाट की वेल्यू बताई एक करोड़
ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि ऋण स्वीकृति हेतु जिस सम्पत्ति को बैंक में बंधक रखा गया है, वह सम्पत्ति 10000 स्के.फिट प्लाट ग्राम कोडियाबर्डी इन्दौर एयरपोर्ट के पास की है। उक्त सम्पत्ति की रजिस्ट्री दस्तावेज अनुसार महेन्द्र अहीर द्वारा उक्त भूखण्ड सावन नामदेव पिता कैलाशचन्द्र नामदेव निवासी शुभम रेसीडेन्सी महालक्ष्मी नगर से 10 जुलाई 2018 को क्रय किया गया है। इस भूखण्ड की रजिस्ट्री कमर्शियल डयवर्षन करवाकर एक करोड़ रुपए से अधिक की करवाई गई। वेल्यूएषनकर्ता द्वारा भी उक्त प्लाट का बाजार मूल्य 1.10 करोड़ रुपए बताया गया, जबकि इसकी वास्तविक कीमत लगभग 10 लाख रुपए की जानकारी जांच में ज्ञात हुई है।
पुलिस अधीक्षक शाह ने बतासया कि तत्कालीन बैंक मेनेजर शैलेन्द्र चिकंजुरी तथा फर्म प्रोपराईटर महेन्द्र अहीर की उक्त फर्जीवाड़े में साठगांठ स्पष्ट दिखाई देती है। इस पर महेन्द्र अहिर पिता ओमप्रकाष अहिर निवासी कृष्णापुरा धार नाका महू, प्रोपराईटर मेसर्स ब्लू चिप इक्यूपमेंट एंड इंजीनियरिंग, ऑफिस पता प्रोफेसर कॉलोनी, सपना संगीता रोड़ और शैलेन्द्र कुमार चिकंजूरी, तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक, अन्नपूर्णा शाखा, बैंक ऑफ बडौदा निवास अमतोली, सरगुजा, रायपुर और अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
फर्जीवाड़ा में अनाज व बीज कारोबारी भी फंसा
फर्जी दस्तावेजों से अनाज व बीज कारोबारी ने भी 90 लाख रुपए का लोन लिया था। इस मामले में भी कारोबारी व मैनेजर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक शाह ने बताया कि एक अन्य मामले में मॉ भगवती ट्रेडर्स के प्रोपराईटर प्रवीण ठाकुर के विरूद्ध मामजा दर्ज किया है। उसने बैंक ऑफ बडौदा से 90 लाख का ऋण लिया था। उसने मेसर्स ब्लू चिप इक्यूपमेंट एंड इंजीनियरिंग के नाम से इण्डसन्ड बैंक का पूर्व से संचालित चालू खाते का स्टेटमेंट बैंक शखा में जमा किया गया था। वह ऋण जमा नहीं कर रहा था। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया था। इस पर प्रवीण ठाकुर पिता श्री गुलाब सिंह ठाकुर प्रोपराईटर मेसर्स मॉ भगवती ट्रेडर्स, निवासी अंकिता अपार्टमेंट, स्कीम न. 114 पार्ट-1, विजय नगर, और शैलेन्द्र कुमार चिकंजूरी, तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक अन्नपूर्णा शाखा के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।