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इंदौर

फर्स्ट ईयर के बाद नए कॉलेज में प्रवेश लेने पर पुराने कॉलेज नहीं दे रहे टीसी

  • 05 Dec 2022

लेजों के खिलाफ छात्रों ने नियम विरुद्ध उनका टीसी रोकने की शिकायत उच्च शिक्षा विभाग को दर्ज करवाई है। छात्रों ने कहा है कि जिस कॉलेज से उन्होंने फर्स्ट ईयर पास किया, अब वहां से छोड़कर उन्होंने सेकंड ईयर में नए कॉलेज में एडमिशन लिया है, लेकिन अब पुराने कॉलेज टीसी नहीं दे रहे हैं। वे सेकंड ईयर की फीस मांग रहे हैं। अलग-अलग कॉलेजों के ऐसे 20 छात्रों की शिकायत आने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है। विभाग ने सभी 140 कॉलेजों को निर्देश दिए हैं कि तत्काल टीसी जारी करें।
छात्रों का कहना है कि उन्होंने अगस्त-सितंबर में ही कॉलेज छोड़ दिया था। नए कॉलेज में प्रवेश ले लिया था। लेकिन तीन माह बाद भी कॉलेज टीसी नहीं दे रहे हैं। कुछ छात्रों ने कलेक्टोरेट की जनसुनवाई में मामले की शिकायत की है। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त संचालक व लीड कॉलेज से कहा कि वे सभी कॉलेजों की वर्चुअल बैठक लेकर चेतावनी जारी करें। शुक्रवार को बैठक भी हुई थी लेकिन सिर्फ 35 कॉलेज शामिल हुए।
सबसे ज्यादा छात्र लॉ के, फिर बीएड व बीएससी के
शिकायत करने वालों में सबसे ज्यादा छात्र लॉ के हैं। बीए एलएलबी फर्स्ट ईयर के बाद सेकंड ईयर में उन्होंने अन्य कॉलेज में प्रवेश ले लिया। बीएड और बीएससी के छात्रों की संख्या भी ज्यादा है। ऐसे छात्रों ज्यादातर का कहना है कि उन्होंने कॉलेज अपनी मर्जी से नहीं छोड़ा। बल्कि कॉलेज की मनमानी फीस, पढ़ाई न होने या अन्य तकनीकी वजह से बदला है। ऐसे में कॉलेजों को सेकंड ईयर की फीस मांगने का अधिकार ही नहीं है।
सात दिन बाद सख्त कार्रवाई होगी
यह बात भी सामने आई है कि इस सप्ताह के अंत तक जो कॉलेज छात्रों को टीसी जारी नहीं करेंगे, उन पर अगले सप्ताह से सख्त कार्रवाई होगी। दरअसल पिछले साल ही कॉलेजों में नई एजुकेशनल पॉलिसी लागू हुई। कई कॉलेज महंगी फीस लेने के बाद भी छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन नहीं दे रहे हैं। कई छात्रों ने शॉर्ट अटेंडेंस के नाम पर पैसे वसूलने, टीचिंग स्टाफ न होने जैसी शिकायतें कॉलेजों के खिलाफ की है। यही वजह है कि उच्च शिक्षा विभाग ने मामले में सख्त कार्रवाई को कहा है। फिलहाल 5 कॉलेजों के 20 छात्रों की शिकायत आई है। लेकिन विभाग का अनुमान है कि ऐसे छात्रों की संख्या 300 से ज्यादा है।