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इंदौर

बच्चों के लिए आदर्श बने हमारा जीवन : राष्ट्र संत

  • 23 May 2022

तीन दिवसीय जीवन जीने की कला प्रवचनमाला का समापन
इंदौर । अच्छे संस्कार दुनिया के किसी शॉपिंग मॉल में नहीं मिलेंगे, ये तो घर के अच्छे माहौल में ही मिल सकते हैं। हमारा जीवन इतना श्रेष्ठ होना चाहिए कि वही जीवन बच्चों के लिए आदर्श बन जाए। जो माता-पिता बच्चों को केवल जन्म देते हैं, वे सामान्य, जो जन्म के साथ सुविधाएं और संपत्ति देते हैं, वे मध्यम और जो माता-पिता अपने बच्चों को जन्म और संपत्ति के साथ श्रेष्ठ संस्कार भी देते हैं, वे उत्तम माता-पिता कहलाते हैं। अभिभावक अपने बच्चों को इतना सुयोग्य बनाएं कि वे समाज की अग्रिम पंक्ति में बैठने लायक बन सकें और बच्चे भी ऐसा जीवन जिएं कि लोग पूछे कि आपने ऐसी कौनसी पुण्याई की कि आपके यहां इतनी संस्कारित संतान पैदा हुई। बच्चों को केवल शिक्षित ही न बनाएं, सस्कारित भी बनाएं।
          राष्ट्र संत ललितप्रभ सागर  ने आज आध्यात्मिक चातुर्मास समिति के तत्वावधान में रवीन्द्र नाट्य गृह में चल रही तीन दिवसीय जीवन जीने की कला प्रवचनमाला के समापन दिवस पर कैसे करें जीवन को संस्कारित विषय पर उक्त प्रेरक और दिव्य विचार व्यक्त किए। आज भी रवीन्द्र नाट्य गृह पूरी तरह खचाखच भरा हुआ था। अनेक श्रोताओँ को तो बैठने के लिए मंच पर जगह देना पडी। इस तीन दिवसीय प्रवचनमाला का लाभ लेने वाले आयोजन समिति के दिनेश डोसी, रोहित मुणोत, सुजानमल चौपड़ा, सुरेश डोसी, अशोक लोढा, कांतिलाल बम, पारस कटारिया, हुलास जैन, दिलीप सावलानी, नवीन जैन, पंकज संघवी, जयंती सिंघवी आदि को संतद्वय ने साहित्य भेंट कर सम्मानित किया। प्रारंभ में निर्मला कटारिया, रोशनदेवी चौपड़ा, प्रवीणा मुणोत, प्रतिभा लोढा, चंद्रकला डोसी, सुनीता डोसी, सीमा संघवी, अनीता जैन, महालक्ष्मी सावलानी, शोभा गांग, ज्योति जैन ने भगवान महावीर की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर माल्यार्पण किया। प्रवचन में सांसद शंकर लालवानी, प्रवीण कोचर, गोपाल सिंघी, राधेश्याम अग्रवाल, पोपटलाल सुराना सहित शहर के अनेक गणमान्य बंधु विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर मुकुंदचंद अनिल मेहता परिवार एवं आनंद ज्वेलर्स के गौरव आनंद परिवार द्वारा सभी श्रद्धालुओं को सूक्त वचनों के कैलेंडर की प्रभावना दी गई।