लगातार बढ़ रहे हैं, आत्महत्या के मामले
इन्दौर। हर दिन आत्महत्या के  केस बढ़ रहे हैं, इसमें युवा पीढी की संख्या ज्यादा है।सवाल ये उठता है कि ऐसा क्यू हो रहा है,आजकल युवा डिप्रेशन में क्यू आ जाते है। कौन जिम्मेदार हैं इसके लिए? सोशल मीडिया या पेरेंटस....शायद दोनों ही जिम्मेदार है।
आज की दौड़ धूप वाली जिन्दगी में ज्यादा कमाने की चाहत में  माता पिता सिर्फ कमाने मे लगे रहते हैं, अपने युवा होते बच्चों पर उनका ध्यान ही नही होता है,जब बच्चों को उनकी सबसे ज्यादा जरुरत होती है।इसका परिणाम यह होता है कि युवा बच्चे भी आजकल अपना ज्यादा समय सोशल मीडिया मे व्यतीत करते हैं।और सोशल मीडिया में ही लिप्त हो जाते है,जिससे युवा पीढ़ी का जीवन तनावपूर्ण हो जाता है,वही बढती हुई महंगाई भी डिप्रेशन और उससे होने वाली आत्महत्याओ का प्रमुख कारण है।कोरोनकाल के समय से ही जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है,इस बीमारी में कुछ लोगो ने अपनो के साथ साथ अपना सब कुछ खो दिया है।अधिकांश युवा बेरोजगार हो गए हैं,आत्महत्या के आँकड़े बढ़ रहे हैं,पर  इस ओर सरकार का कोई ध्यान नही है।जनता के वोटों से बनने वाली सरकार के नेता अपनी अपनी रोटी सेकने में लगे हैं।
                                              

                                                                                       
                            
                        
			      			  	
			      			  	
			      			  	
			      			  	
