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इंदौर

लोकसभा चुनाव 2024 -  न जनसम्पर्क का शोर, न प्रचार का हल्ला

  • 22 Apr 2024

नेताओं द्वारा छोड़े जा रहे एक-दूसरे पर बयानों के तीर
इंदौर। शायद ऐसा पहली बार देखने में आ रहा है कि किसी चुनाव में न जनसंपर्क का शोर हो रहा है न प्रचार का हल्ला चल रहा है। कार्यकर्ताओं में भी इस बार चुनाव को लेकर कम ही रूचि दिख रही है, लेकिन अंदर ही अंदर ही चुनाव मैदान में उतरे राजनैतिक दल अपनी रणनीति बना रहे हैं और उनकी रणनीति में यही शामिल है कि किसी न किसी तरह मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित कर पक्ष में मतदान कराया जाए। इन सबके बीच पार्टी के स्थानीय से लेकर प्रदेश और देश स्तर के नेता जरूर बयानों के तीर एक-दूसरे पर छोड़ रहे हैं।
दरअसल प्रत्याशियों के जनसम्पर्क में नारेबाजी, कार्यकर्ताओं का शोर शराबा, नेताओं की बयानबाजी ये सब चुनावी हथकंडे है जो हर चुनाव में देखने को मिलते है, लेकिन इस बार आम चुनाव का नजारा कुछ अलग ही दिख रहा है। चुनाव सिर पर है, लेकिन न तो प्रत्याशियों का प्रचार नजर आ रहा है, न नेताओं हल्ला सुनने में आ रहा है और न ही पार्टी का सम्मेलन देखने को मिल रहा है। पहली बार आम चुनाव में इतनी निरसता देखी जा रही है।  इस माहौल में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ अक्षय कांति बम अलग थलग नजर आ रहे है। बात चुनावी तैयारियों की करे तो भाजपा के हर विधानसभा स्तर के कार्यालय खुल चुके है वही कांग्रेस की तैयारी भी शुरू नहीं हुई। भाजपा कार्यालय पर दिन भर गहमा गहमी देखी जा रही है वही कांग्रेस के कार्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ है।  
अक्षम बम का सिलसिला जारी
टिकट तय होने के बाद से ही कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम नेताओं के द्वार द्वार आर्शिवाद लेने जा रहे है। उनका यह सिलसिला अभी तक बदस्तुर जारी है। नेताओं की यह परिक्रमा भी उनके नाम के समान अक्षय होती दिख रही है। बहरहाल अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ रहे बम ने पहली बैठक पिछले दिनों एक होटल में आयोजित की। शहर कांग्रेस के बमुश्किल पचास नेता इस बैठक में पहुंचे। ना सारे पार्षदों को सूचना मिली ना शहर कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारियों और विधानसभा क्षेत्रों के प्रमुख पदाधिकारियों को इस बैठक की जानकारी लगी। हो सकता है कि शायद इस बैठक में चुनिंदा नेताओं को ही आमंत्रित किया हो। बहरहाल चुनावी रणनीति पर बैठक में बात करने के बजाय नेता पुराने किस्से कहानियां सुनाते रहे।
भाजपा के विधानसभावार कार्यालय खुले
भाजपा की संगठनात्मक क्षमता और काम का क्रियांवयन एक सुनियोजित तरीके से होता है। शंकर लालवानी की अधिकृत घोषणा से काफी पहले से चुनावी कार्य शुरू हो चुके थे। सारी गतिविधियों का केंद्र पार्टी कार्यालय है। विधानसभा वार कार्यालय खुल चुके है। हर स्तर की बैठके और समितियों का गठन हो चुका। दो बार क्लस्टर बैठक हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों की मंडल और शहर में वार्ड सम्मेलन जारी है, जो 19 अप्रैल तक चलेंगे। बूथ प्रमुखों की बैठक भी हो गई और बूथ विजय संकल्प अभियान जारी है। अब लाभार्थियों, हितग्राहियों और नव मतदाताओं से संपर्क चल रहा है।
25 को लालवानी जमा करेंगे नामांकन
इसी माह की 25 अप्रैल को एक ओर शंकर लालवानी भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन फार्म जमा करेंगे, वहीं भाजपा कांग्रेस के एक बड़े किले में सेंध लगाएगी। ऐसी चर्चा चल रही है कि इंदौर कांग्रेस में बड़ी टूट फूट हो सकती है यानी इस दिन कांग्रेस के चुनिंदा पार्षदों सहित कांग्रेस के कुछ नेता भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका है की कितने कांग्रेसी भाजपा में शामिल होंगे, लेकिन कांग्रेस खेमे में जमकर भगदड़ मची हुई है। इसको रोकने के लिए मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी शहर कांग्रेस से लगातार सम्पर्क कर फीडबेक ले रहे है। पता चला है की पटवारी एक दो दिनों में इंदौर आने वाले है और वे नेताओं और कार्यकर्ताओं से सीधी बातचीत करेंगे। लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान समाप्त हो चुका है अब दूसरे और तीसरे चरण की तैयारियां चल रही है, लेकिन कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने का सिलसिला भी नहीं थम रहा है। नई जानकारी सामने आई है की इस बार इंदौर के कांग्रेसी नेता भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे है। भाजपा स्थापना दिवस वाले दिन से ही े कांग्रेसी नेताओं के भाजपा में शामिल होने की चर्चा चल रही थी। इनके शामिल होने के लिए उचित समय का इंतजार कर रहे थे। बताया गया है की कांग्रेस के पूर्व विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल और पंकज संघवी तीनों ने कांग्रेसियों को भाजपा में लाने की कमान संभाल रखी है।
चिंता में है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेसी नेताओं के भाजपा में शामिल होने की इस चर्चा ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चिंता बढ़ा दी है। चुवार प्रचार के लिए प्रदेश का दौरा कर रहे  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी अपने गृह जिले में हो रही तोडफोड़ को लेकर काफी चिंतित है। वे इंदौर के सभी सीनियर नेताओं के सम्पर्क में है और लगातार उनसे फीडबेक ले रहे है। पटवारी एक दो दिनों के भीतर इंदौर दौरे पर आ रहे है। इस दौरे के दौरान वे चुनाव प्रचार कम करेंगे बल्कि कार्यकर्ताओं से वन टू वन चर्चा करेंगे।