नई शिक्षा नीति पर आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने बताई नीति की विशेषता
इंदौर । राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभा रहे गोवा के शिक्षाविद पांडुरंग नाडकर्णी ने कहा है कि शिक्षा में नंबरों पर नहीं ज्ञान पर फोकस होना चाहिए । समस्या यह है कि आज हमारे देश में हर माता-पिता अपने बच्चे के नंबर पर फोकस करके चल रहे हैं ।
नाडकर्णी यहां मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के सभागार में यूनिवर्सल पीस एंड सोशल डेवलपमेंट सोसाइटी तथा अंतर भारती मध्य प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे । इस कार्यशाला की शुरूआत में समाजसेवी मुकुंद कुलकर्णी ने हर कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्व को रेखांकित किया । उन्होंने कहा कि कई सालों तक कोशिश करने के बाद केंद्र सरकार के द्वारा भारत की उन्नति की राह को खोलने वाली शिक्षा नीति तैयार कर लागू की गई है । यह नीति हमारे देश की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करेगी । इस कार्यशाला में नाडकर्णी ने कहा कि 2020 में घोषित की गई शिक्षा नीति के लिए 2015 से तैयारियां की गई थी । इस नीति के माध्यम से स्कूल शिक्षा को 12 वर्ष के स्थान पर 15 वर्ष का कर दिया गया है । यह पहला मौका है जब नर्सरी और किसी को भी शिक्षा नीति में शामिल करते हुए स्कूल शिक्षा का अंग बना लिया गया है । अब तक प्री प्राइमरी में कहीं कोई नियम कायदे नहीं थे । पहली बार इस नीति के माध्यम से सरकार के द्वारा इन सब चीजों को भी शामिल किया गया है ।
कार्यक्रम का संचालन शेख शफी ने किया । प्रारंभ में अतिथि का स्वागत मनोज रानी आर्य डीएस चौरे , परमानंद चुघ, प्रोफेसर अशद, अशोक मित्तल और सुमति कुमार जैन ने किया । इस अवसर पर डॉ रेखा आचार्य, डॉ सोनाली निरगुंदे, राजेंद्र शर्मा, सौरभ गुप्ता का सम्मान किया गया । अंत में आभार प्रदर्शन श्याम पांडे ने किया ।
इंदौर
शिक्षा में नंबर पर नहीं ज्ञान पर फोकस हो - नाडकर्णी
- 17 Dec 2022