इंदौर। अक्टूबर से इंदौर के कालेजों में आने वाले विद्यार्थियों-शिक्षकों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज होनी थी, मगर महीनेभर बीतने के बावजूद कालेजों में यह व्यवस्था अभी तक लागू नहीं हो सकी है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दायरे में आने वाले 70 फीसद कालेजों में मशीन तक नहीं लगाई गई है। ऐसी स्थिति प्रदेशभर के अधिकांश कालेजों में सामने आई है। मशीन इंस्टाल नहीं कराने के पीछे कालेजों का तर्क है कि मशीन की क्वालिटी काफी खराब है। उसमें उपस्थिति का रिकार्ड दर्ज नहीं हो रहा है। कंपनियों से मशीन मिलने में 15 दिन का समय लग रहा है। कालेजों से आए जवाब को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने 10 नवंबर तक मशीन लगवाने पर जोर दिया है।
विभाग ने प्रदेशभर के सरकारी और निजी कालेजों को एक अक्टूबर से विद्यार्थियों-शिक्षकों और स्टाफ की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन पर दर्ज कराने को लेकर आदेश दिया। यह व्यवस्था निजी कालेजों में तो दूर सरकारी कालेजों में भी मशीन नहीं लगने के कारण अब तक शुरू नहीं हो पाई है। इसकी वजह से विद्यार्थी, शिक्षक, अधिकारी और स्टाफ की उपस्थिति पहले की तरह अलग-अलग रजिस्टरों में दर्ज हो रही है।
कालेजों पर होगी कार्रवाई
मशीन को लेकर बाजार में भारी संकट है। विभाग द्वारा तय मापदंड के आधार पर गुणवत्ता वाली मशीनें उपलब्ध नहीं हैं। इसके चलते संस्थानों में मशीन लगाने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। कालेजों ने कंपनियों से संपर्क किया है, लेकिन मशीन की डिलीवरी में 15 से 20 दिन का समय लगना बताया जा रहा है। विद्यार्थियों, कर्मचारी और स्टाफ की मशीन अलग-अलग लगाई जानी है। कालेजों की लापरवाही को लेकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी काफी नाराज हैं। उपस्थिति के आधार पर विद्यार्थियों को परीक्षा में बिठाया जाएगा। साथ ही छात्रवृत्ति की राशि भी उसी आधार पर आवंटित की जाएगी। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 10 नवंबर बाद मशीन नहीं लगने पर कालेजों पर कार्रवाई की जाएगी।
इंदौर
70 फीसद कालेजों में रजिस्टर में दर्ज हो रही उपस्थिति
- 27 Oct 2022