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रतलाम

9 डिग्री तापमान में नवजात को खेत में छोड़ गए

  • 24 Dec 2021

बर्फ सा ठंडा हो गया था शरीर, तीन वॉर्मर से दी गर्मी; रोने की आवाज सुनी तो सब खुश हो गए
रतलाम/सैलाना।  पुलिसकर्मी डॉयल-100 से एक बच्चे (लड़का) को रात 10.50 बजे हमारे पास लेकर आए थे। 2 किलो का बच्चा था, लेकिन उसकी सांस बंद हो गई थी। वह बर्फ जैसा हो गया था, ठंड की वजह से उसका पूरा शरीर कड़क हो गया था। आप सोच सकते हैं कि बच्चे के हाथ-पैर भी सीधे नहीं हो रहे थे। उसकी आवाज नहीं निकल रही थी। हमने ऑक्सीजन लगाया। साथ ही तीन वॉर्मर लगाए... ताकि उसे गर्मी मिल सके।
सबसे हैरानी की बात तो यह है कि वह इतना ठंडा हो चुका था कि उसका सेचुरेशन भी नॉट रिकॉर्डेड बता रहा था। आधे घंटे बाद वह बच्चा रोया। 1.30 घंटे के बाद उसमें कुछ हलचल देखने को मिली। अब बच्चे की जिंदगी के लिए 48 घंटे सबसे अहम है।Ó यह कहना है एसएनसीयू के प्रभारी डॉ. नावेद कुरैशी का। इन्होंने ही सबसे पहले इस बच्चे का केस संभाला।
बुधवार रात सैलाना से 5 किमी दूर ग्राम खेड़ी में कोई 2 घंटे के नवजात को गेहूं के खेत में छोड़कर चला गया था। तेज ठंड... तापमान भी 9 डिग्री सेल्सियस के करीब था। डॉ. कुरैशी ने बताया बच्चे को पुलिसकर्मी अस्पताल लाए थे। ठंड की वजह से बच्चे के एक्स-रे में भी इंफेक्शन आया है।
हालांकि, मुश्किल भरा टाइम निकल चुका है। अब बच्चे के लिए 48 घंटे अहम हैं। यदि इस दौरान वह सुधार करता है, तो उसके जीने की उम्मीदें बढ़ जाएंगी। हॉर्ट बीट तेज बनी हुई है, बच्चे को ऑक्सीजन और सी-पैप लगा है। ब्लड सर्कुलेशन के लिए इंजेक्शन लगा रहे हैं।
किसान ने देखा, ट्यूबवेल के पास पड़ा था बच्चा
खेड़ी में रात 10 बजे खेत की बिजली आपूर्ति होने पर खेत मालिक राजेश धाकड़ सिचाई करने आए थे। तभी उन्हें नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। धाकड़ ने भाई बिहारीलाल और पड़ोसी भेरूलाल को फोन पर सूचना दी। तब तीनों ने खेत में बच्चे को खोजना शुरू किया। ट्यूबवेल से थोड़ी ही दूर नवजात दिखा, धाकड़ ने तुरंत बच्चे को उठाकर कपड़े में लपेटा और डॉयल 100 को सूचना दी। डॉयल 100 ने नवजात को बाल चिकित्सालय पहुंचाया।