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संवाद और परिचर्चा

संवाद और परिचर्चा : श्री नरेंद्र सिंह रघुवंशी थानाप्रभारी  -राऊ

  • 15 Feb 2022

माता-पिता का तो सर्वोच्च नियंत्रण होना चाहिए बच्चों पर,यंग जनरेशन पर और वह उन पर ध्यान नहीं दे पाते हैं । इसी कारण लड़के भटकाव की ओर जाते हैं....


घरेलू हिंसा में भी आधुनिक जीवन शैली जो है वह दोषपूर्ण है, इसमें सबसे पहले  बात तो यह है कि जो महत्वाकांक्षा है और जो सामंजस्य से नहीं बिठाने की समस्या आती है..


कमिश्नर साहब के द्वारा जो एक नया सिस्टम डिवेलप किया गया है, वो है रिहैब सेंटर में जाकर जो नशे के कारण पीड़ित व्यक्ति है,उनसे जाकर बात करते हैं,उनकी समस्याओं पर चर्चा की जाती है....


सीएम हेल्पलाइन में पूरे मध्यप्रदेश में सारी समस्याओं के समाधान के लिए और तत्काल निराकरण के लिए पूरे मध्य प्रदेश में सबसे अधिक प्रकरण के समाधान की साख  पुलिस राऊ के खाते में आती है । यह राऊ पुलिस के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है....


इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है उसे आप किस तरह से देखते हैं ?
कमिश्नर प्रणाली को हम इस तरह से देखते हैं कि पुलिस को और पावर आएगा, अपराधियों को कंट्रोल करने का, अपराधियों पर कार्यवाही करने का और अपराधियों पर नियंत्रण करने का पुलिस के पास में एक कारगर  तंत्र विकसित होगा । जिससे इन अपराधियों पर कार्यवाही की जा सके ।
आपको लगता है कि कमिश्नर प्रणाली लागू होने से अपराध पर या अपराधियों पर नियंत्रण हो पाएगा ?
अपराध पर नियंत्रण हो पाएगा या नहीं यह तो नहीं कह सकते, पर अपराधियों पर नियंत्रण हो पाएगा यह पक्का है। जो आदतन अपराधी हैं, जिन पर पुलिस को कार्यवाही करने में काफी वक्त लगता था,उन पर पुलिस नियंत्रण कर पाएगी ।


पुलिस प्रशासन में भी कसावट आएगी इससे?
कमिश्नर प्रणाली इंदौर में लागू होने से पुलिस प्रशासन में कसावट आ गई है, पुलिस प्रशासन चुस्त और दुरुस्त है  । सारी टीम मिलकर काम करती है इससे सफलता मिलती है ।


ड्रग्स की घटनाएं कहीं बढ़ रही हैं या घटना घट रही है?
सोशल मीडिया और जो आधुनिक जीवन शैली है, उसमें इंटरनेट और अन्य जो चीजें हैं इसके कारण युवा भटकाव की ओर जा रहे हैं । उसके लिए कमिश्नर साहब ने नारको हेल्प लाइन चालू की है, जिसकी मदद से कोई भी कहीं भी अगर कहीं भी नशीले पदार्थों के संबंध में सूचना मिलती है,तो उस पर तत्काल कार्यवाही होती है । इस तरह की किसी के पास भी कोई भी सूचना आती है तो वह नारकोटिक पर सूचना भेज सकता है । उस पर त्वरित कार्यवाही की जावेगी ।


आजकल देखा जा रहा है कि ड्रग्स में महिलाएं भी लिप्त हो रही है ?
मेरा यही कहना है कि ड्रग्स  में  पुरुष इंवॉल्व हो रहे हैं, नए बच्चे जो कम उम्र के बच्चे हैं,  यह ड्रग्स  में लिप्त हो रहे हैं और इनके साथ ही महिलाएं भी बड़ी संख्या  में लिप्त हो रही है, जो आधुनिक जीवन शैली है, इंटरनेट वगैरह इसके कारण इस दिखावे के कारण यह सब लोग ड्रग्स में   में लिप्त हो रहे हैं ।


ड्रग्स में क्या कोई अंतरराज्यीय गिरोह काम कर रहे हैं ?
इस विषय में राऊ क्षेत्र में कोई प्रकरण नहीं है और ना इस तरह  की कोई जानकारी है अगर और कहीं है तो उसके बारे में जानकारी नहीं बता सकता 


आमजन की नजरों में पुलिस की छवि चालान बनाने तक की रह गई थी क्यों  ?
भाई पुलिस को अगर कुछ गलत दिखेगा, तो चालान तो बनाना पड़ेगा,लड़के तीन सवारी बैठकर जा रहे हैं, मोबाइल पर गाड़ी चलाते हुए बात कर रहे हैं, हाथ छोड़कर गाड़ी चला रहे हैं, बेतरतीब स्पीड से गाड़ी चला रहे हैं,पटाखे फोड़ते हुए मोटरसाइकिल लेकर जा रहे हैं,  जिससे कि आमजन में एक आक्रोश उत्पन्न होता है और यह सोचा जाता है कि इनके विरुद्ध पुलिस कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही । इसलिए पुलिस को यह कार्रवाई करना पड़ती है । और इस कार्यवाही का असर भी देखने को मिलता है,बीच में देखने को मिला था कि एक अभियान चला था,डीसीपी साहब  यातायात ने कमिश्नर साहब के निर्देशन में, एक अभियान चलाया था । कि पटाखे फोड़ते हुए जो मोटरसाइकिल वाले वाहन चालक हैं इन पर कार्यवाही की जाए और सख्ती से इस पर कार्यवाही की गई तो असर भी देखने को मिला है ।


जो युवा बिगड़ रहे है ,इसमें माता-पिता को दोषी माना जा सकता है ?
माता-पिता का तो सर्वोच्च नियंत्रण होना चाहिए बच्चों पर,यंग जनरेशन पर और वह उन पर ध्यान नहीं दे पाते हैं । इसी कारण लड़के भटकाव की ओर जाते हैं, अगर इस तरह से परिवार का नियंत्रण बच्चों पर हो । यंग जनरेशन पर हो तो बाकी सब नियंत्रण तो अपने आप ही हो जाएंगे  ।

घरेलू हिंसा में आप क्या नजरिया रखते हैं 
घरेलू हिंसा में भी आधुनिक जीवन शैली जो है वह दोषपूर्ण है, इसमें सबसे पहले  बात तो यह है कि जो महत्वाकांक्षा है और जो सामंजस्य से नहीं बिठाने की समस्या आती है   नए परिवार में नई बच्ची विवाह करके आती हैं । जो ससुराल पक्ष से उसे सामंजस्य नहीं बिठा पाते हैं,ससुराल पक्ष की अपनी बहू से अपेक्षाएं बहुत हो जाती हैं, वह आई है  अब सब कुछ वह करेगी । दोनों पति-पत्नी के बीच में किसी बात को लेकर मनमुटाव हो ना,वह सब चीजें कारण रहती हैं, जिनको बैठकर बातचीत से हल किया जा सकता है   और हम काउंसलिंग के माध्यम से इस समस्या को कम करने का प्रयास करते हैं  ।


सामाजिक बदलाव में पुलिस की भूमिका  कितनी महत्वपूर्ण होती है  ?
सामाजिक बदलाव के लिए पुलिस के द्वारा पारिवारिक विवादों में और अन्य कारणों में काउंसलिंग के माध्यम से हम लोग मदद करते हैं । सामाजिक बदलाव में एक बड़ा परिवर्तन किया है कि युवा वर्ग नशे में  शामिल हो रहा है,उसमें भी पुलिस के द्वारा जागृति का अभियान चलाया जा रहा है । कई जगह तो कमिश्नर साहब के द्वारा जो एक नया सिस्टम डिवेलप किया गया है, वो है रिहैब सेंटर में जाकर जो नशे के कारण पीड़ित व्यक्ति है,उनसे जाकर बात करते हैं,उनकी समस्याओं पर चर्चा की जाती है और जो मुख्य समस्या होती है उसकी जड़ पर तक जाकर समाप्त करने का प्रयास पुलिस द्वारा किया जाता है ।


शिक्षित बेरोजगार जो है यह अपराध की ओर क्यों बढ़  रहे हैं आपका क्या सोचना है ?
शिक्षित बेरोजगार अपराध की ओर इसलिए मूड रहे  हैं  कि, उनकी महत्वाकांक्षा है तो बहुत जल्दी में कुछ कर पाएं, आगे बढ़ जाएं ,परंतु वह गलत राह पकड़ लेते हैं,पिक्चरों में देखते हैं, जो अपराधिक सीरियल होते हैं उसमें देखते हैं,तो उससे बहुत जल्दी प्रभावित होते हैं और उसके देखा देखी अपराध की ओर मुड़ जाते हैं  ।


इंदौर को मुंबई का बच्चा कहा जाता है और यह कहीं अपराध में भी मध्य प्रदेश की राजधानी बनने की ओर अग्रसर है  ?
इंदौर में अभी अगर कोई भी अपराध की सूचना मिलती है तो पुलिस के द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाती है । एफ आई आर दर्ज की जाती है । संख्या की आबादी को भी हम अगर देखें तो लगभग 40 लाख आबादी है, इसमें अपराध तो बड़े हैं संख्या के मान से,परंतु इसमें एक बात अच्छी हो रही है कि पुलिस के द्वारा प्रतिबंधात्मक कार्यवाही और जो लघु अधिनियम की कार्यवाही है, जिससे समाज में अपराध नियंत्रण करने के काम में आते हैं उसे आधार पर कार्रवाई होती है ।


आपके थाने की ऐसी कोई बड़ी उपलब्धि जिससे यह संदेश जाए कि पुलिस इस तरह से कार्यवाही भी करती है  ?
समाज के प्रति पुलिस का जो दायित्व है उसी आधार पर पुलिस के द्वारा कोरोना काल के समय यहां राऊ थाने पर  पर पुलिस के द्वारा जो अप्रवासी लोग थे,जो बाईपास पर बहुत दूर से आ रहे थे और जा रहे थे । उन लोगों के लिए खाने पीने का प्रबंध लगभग डेढ़ से 2 माह तक निशुल्क  करना,हजारों लोगों के  रहने की व्यवस्था करना, उनके पानी की व्यवस्था करना, उनके विश्राम आदि की व्यवस्था की गई ,यह काम बड़े स्तर पर राऊ पुलिस के द्वारा किया गया ।


यह कार्य प्रशंसनीय था क्या इस पर आपको कहीं इस तरह का प्रोत्साहन मिला ?
सामाजिक रूप से और प्रशासन स्तर पर इस कार्य को बढ़ा सराहा गया और इसका उल्लेख भी किया गया है।


अन्य ऐसा कोई उल्लेख करना चाहे जिससे राऊ पुलिस की छवि बड़ी दिखती हो  ?
हां अवश्य सीएम हेल्पलाइन में पूरे मध्यप्रदेश में सारी समस्याओं के समाधान के लिए और तत्काल निराकरण के लिए पूरे मध्य प्रदेश में सबसे अधिक प्रकरण के समाधान की साख  पुलिस राऊ के खाते में आती है । यह राऊ पुलिस के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है,इस पर कमिश्नर साहब द्वारा एवं अन्य अधिकारियों द्वारा भी प्रशंसा की गई है ।


आमजन की आप तक पहुंचे कैसी है आसानी से आप तक पहुंचते हैं?
निश्चित रूप से आसानी से आमजन अपनी समस्या लेकर आ सकते हैं ? जो पीड़ित व्यक्ति है वह सीधे आकर मुझसे संपर्क करते भी हैं और कर सकते हैं।