इंदौर। शहर को दूधिया रोशनी में नहलाने के नगर निगम के दावे अब खोखले साबित होने लगे हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम के विकास कार्य तो इन दिनों बंद है ही साथ ही सेंटर लाइटिंग को लेकर जो काम पहले किए गए थे वो अब लापरवाही के शिकार हो गए हैं जिससे आमजन को परेशानी भुगतनी पड़ रही है। शहर के मध्य पुराने अर्थात जूनी इंदौर में इन दिनों अंधेरे का साम्राज्य व्याप्त है। स्ट्रीट लाइट होने के बावजूद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते यहां लोग अंधेरे में चलने-फिरने को मजबूर है। शहर की धरोहर याने रेलवे स्टेशन के सामने पिछले कोरोनाकाल से ही अंधेरा है जिसके कारण अंधेरे में रात के समय के लोगों के साथ कई घटनाएं हो चुकी है लेकिन ना तो यहां नगर निगम का ध्यान है ना ही विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों का।
जूनी इंदौर क्षेत्र के मुख्य मार्ग याने सरवटे के पास मुक्तिधाम से लेकर चंद्रभागा तक आधी से ज्यादा स्ट्रीट लाईटें रात के समय बंद रहती है। रात के समय निकलने वाले लोगों को इस लापरवाही के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रात के समय पैदल चलने वालों को हमेशा ही वाहनों से टकराने का खतरा तो रहता ही है साथ ही अंधेरे में लूट जैसी घटनाओं का अंदेशा भी बना रहता है। अंधेरे का फायदा उठाकर इस क्षेत्र में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी है लेकिन अभी भी निगम के जिम्मेदार इस समस्या से आंख मूंदे बैठे हैं।
सड़क पर स्ट्रीट लाइटें बंद होने के कारण स्टेशन के आसपास समेत जूनी इंदौर क्षेत्र में वाहनों के टकराने की घटनाएं तो अक्सर घटती रहती है। हालाकि कई बार विवाद थानों तक चले जाते हैं लेकिन असल समस्या पर कभी ध्यान नहीं जाता। मुक्तिधाम से लेकर चंद्रभागा तक रात के समय अंधेरा ही रहता है लेकिन अभी तक यहां बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट चालू करने की किसी ने आवश्यकता महसूस नहीं की है। जिसके कारण आमजन को रात के समय निकलने में ना सिर्फ परेशानी बल्कि अनहोनी होने का डर भी बना रहता है।
इंदौर
अंधेरे में आधा जूनी इंदौर क्षेत्र, मुख्य मार्ग पर कुछ ही स्ट्रीट लाईट चालू
- 15 Jun 2022