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इंदौर

अक्षर नर्सिंग कॉलेज फजीर्वाडा में एफआईआर की तैयारी

  • 27 Apr 2022

छात्रों को दूसरे नर्सिंग कॉलेज में मिलेगा एडमिशन, फीस भी वापस मिलेगी
इंदौर। नर्सिंग कौंसिल से मान्यता लेने के बाद कई तरह की गड़बडिय़ां करने के मामले में अक्षर नर्सिंग कॉलेज पर जिला प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। मामले में कॉलेज के कर्ताधतार्ओं पर एफआईआर दर्ज करने की तैयारी है। इसमें नर्सिंग काउंसिल के अफसरों को भी आरोपी बनाया जा सकता है। अक्षर नर्सिंग कॉलेज को स्टूडेंट्स को रुपए लौटाने होंगे। पीडि़त छात्रों को दूसरे नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन दिलाया जाएगा। इतना ही नहीं प्रशासन ऐसे नर्सिंग कॉलेज जो परमिशन लेकर गलत तरीके से संचालित हो रहे हैं, उनकी भी जांच शुरू करने जा रहा है।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि अब तक की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। नर्सिंग कॉलेजों के मामले में कहीं भी कलेक्टर या सीएमएचओ को नहीं रखा गया है। इसमें नर्सिंग काउंसिल टीम भेजकर मान्यता देती है। अभी जांच चल रही है और नर्सिंग काउंसिल से फाइल्स बुलवाई थी। जांच में गड़बड़ी मिली तो एफआईआर दर्ज करेंगे। कलेक्टर ने कहा कि नर्सिंग काउंसिल जिसने गलत तरीके से मान्यता दी, उसकी भी जवाबदेही है कि छात्राओं का भविष्य देखें व उनके रुपए वापस करवाएं। इसकी बारीकियां समझने के बाद जिले में संचालित सभी नर्सिंग कॉलेज की जांच की जाएगी।
दरअसल अब तक की जांच में जिला प्रशासन को गड़बडिय़ों के कुछ पुख्ता सबूत मिल चुके हैं। खास तौर पर जब एडीएम पवन जैन के साथ टीम अरंडिया स्थित कॉलेज पहुंची थी तो वहां गोदाम, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स, प्लाज, लहसन व भैंसें बंधी मिली थी। इसके अलावा कई छात्राओं ने भी बयान के साथ दस्तावेजी प्रमाण दिए हैं। मुख्य तौर पर एमवायएच की सीनियर नर्स किरण सांगले जांच के घेरे में है। जबकि फैकल्टी के रूप में चाचा नेहरू अस्पताल की निशा गुप्ता, एमवायएच की रश्मि मेडा व चंपा मौर्य को नोटिस जारी हो चुके हैं।