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इंदौर

अब जल संरक्षण के काम में इंदौर को बनाएंगे देश में अव्वल

  • 17 Oct 2022

अभियान की तैयारी में जुटा नगर निगम
इंदौर। देश की पहली वाटर प्लस सिटी का खिताब पिछले वर्ष जीतने के बाद अब इंदौर केंद्रीय आवासन व शहरी मंत्रालय द्वारा अगले महीने होने वाले पेयजल सर्वेक्षण में बाजी मारने की तैयारी में जुटा हुआ है। देशभर के शहर इस सर्वेक्षण में 2100 अंक हासिल करने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करेंगे। शहर में सीवरेज सिस्टम बेहतर बनाने के साथ उपचारित पानी के उपयोग में बेहतरी के कारण इंदौर को वाटर प्लस का तमगा हासिल हुआ है। लेकिन पेयजल सर्वेक्षण में जल प्रदाय व्यवस्था पर भी फोकस किया जा रहा है। इस वजह से इंदौर नगर निगम के लिए इस मुकाबले में काफी चुनौती होगी।
इस सर्वे में सबसे ज्यादा अंक जलापूर्ति व्यवस्था और उपचारित पानी के उपयोग पर है। नगर निगम नर्मदा का गुणवत्तापूर्ण पानी शहरवासियों को देने का दावा करता है। ऐसे में जल की गुणवत्ता के स्तर पर इंदौर को बेहतर अंक मिल सकते हैं। पिछले दो वर्षो में निगम द्वारा शहर के तालाबों का गहरीकरण किया गया है। बिलावली, टिगरिया बादशह, निपानिया व कनाडिय़ा के तालबा में वर्षा का जल संरक्षित है। तालाबों तक वर्षा जल पहुंचाने के लिए चैनलों का भी गहरीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा स्काडा सिस्टम के माध्यम से नर्मदा जल की आपूर्ति व खपत की मानीटरिंग की जा रही है। इस वर्ष शहर में भूजल पुनर्भरण अभियान के तहत एक लाख घरों की जियो टैगिंग की गई है। इस वजह से पेयजल सर्वेक्षण में इन कामों के कारण इंदौर को बढ़त मिलेगी। नगर निगम द्वारा शहर में लीक डिटेक्शन तकनीक का उपयोग के साथ वाटर आडिट भी किया जा रहा हैं। इसके अलावा मूसाखेड़ी में नर्मदा के पानी की जांच के लिए बनी लैब का एनएबीएल प्रमाणिकरण भी किया जा रहा है। हालाकि पेयजल सर्वेक्षण में 24 घंटे जलापूर्ति के आधार पर भी शहरों का आकलन होगा। इंदौर में राजवाड़ा के आसपास के क्षेत्र में 25 हजार नल कनेक्शन के माध्यम से 24 घंटे जलापूर्ति की व्यवस्था की जानी है। हालांकि, इस कार्य में अभी एक साल का समय लगेगा। अभी देश में नागपुर व पुरी में 24 घंटे जलापूर्ति की व्यवस्था है।