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इंदौर

आगामी त्योहारों को लेकर एनजीटी ने फिर जारी किए आदेश ... परंपरागत मिट्टी से ही किया जाएगा मूर्तियों का निर्माण

  • 10 Aug 2022

मूर्ति निर्माण एवं विसर्जन से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम हेतु धारा-144 के तहत आदेश जारी
इंदौर। राष्ट्रीय हरित अधिकरण, सेन्ट्रल जोनल बैंच भोपाल द्वारा दिये गये निदेर्शों के अनुपालन में इंदौर जिले में मूर्ति निर्माण एवं विसर्जन से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किये गये है। जारी आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधितों विरूद्ध दण्डनीय कार्यवाही की जायेगी। जारी आदेश के अनुसार मूर्तियों/प्रतिमाओं के निर्माण में  पकी हुई मिट्टी, पी.ओ.पी. (प्लास्टर ऑफ पेरिस) या किसी प्रकार के केमिकल व रासायनिक वस्तुओं का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। मूर्तियों/प्रतिमाओं के निर्माण में केवल उन्हीं प्राकृतिक सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जायेगा जैसा कि पवित्र ग्रन्थों में उल्लेखित है। मूर्तियों के निर्माण में परंपरागत मिट्टी का ही उपयोग किया जा सकेगा।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पवन जैन द्वारा जारी आदेश के अनुसार मूर्तियों/प्रतिमाओं के निर्माण में पकी हुई मिट्टी, पी.ओ.पी. (प्लास्टर ऑफ पेरिस) या किसी प्रकार के केमिकल व रासायनिक वस्तुओं का उपयोग मूर्ति निर्माण में किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। मूर्तियों/प्रतिमाओं पर कलर हेतु केवल प्राकृतिक रंगों तथा गैर विषाक्त रंगों का इस्तेमाल किया जायेगा। किसी भी प्रकार के रासायनिक एवं विषाक्त रंगों का इस्तेमाल पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। जिले में केवल परंपरागत मिट्टी से निर्मित प्रतिमाओं का ही उत्पादन व विक्रय किया जा सकेगा। परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी और अन्य रासायनिक पदार्थों से बनाई जानी वाली प्रतिमाओं के उत्पादन तथा विक्रय, बाहर ले जाने या बाहर से लाने को प्रतिबंधित किया गया है।वहीं यदि कहीं इनको छोड़कर पीओपी आति की मूर्तियां मिलती है तो उनको तत्काल जब्त कर निपटान किया जाएगा।
विसर्जन को लेकर भी गाइडलाइन जारी
पूजन सामग्री जैसे फल-फूल, नारियल, वस्त्र आभूषण, सजावट के सामान जिनमें कागज व प्लास्टिक से निर्मित वस्तुएं शामिल है, को मूर्ति/प्रतिमाओं विसर्जन के पूर्व निकाल कर उन्हें अलग-अलग एकत्रित किया जायेगा तथा उक्त एकत्रित सामग्री का निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ठ नियम 2000 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय निकायों द्वारा किया जायेगा। मूर्ति/प्रतिमाओं विसर्जन के 24 घन्टे के भीतर विसर्जित मूर्ति/प्रतिमाओं से उत्पन्न ठोस अपशिष्टों जैसे बांस, रस्सी, मिट्टी, पीओपी प्रतिमा के हिस्से आदि को एकत्रित कर उनका निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ठ नियम-2000 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय निकायों द्वारा किया जायेगा।