ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर खंडपीठ बेंच ने मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड दर्ज नहीं किए जाने के मामले में नोटिस जारी किए हैं और शासन से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि जब व्यक्ति की मौत कोविड से हुई है तो उसका जिक्र मृत्यु प्रमाण पत्र पर क्यों नहीं है। इस जनहित याचिका को कोविड-19 को लेकर लंबित याचिका के साथ अटैच कर दिया।
ग्वालियर निवासी अधिवक्ता उमेश कुमार बोहरे ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि कोविड-19 के संक्रमण से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। मृत व्यक्ति के स्वजन मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने जा रहे हैं तो उस पर मृत्यु का कारण नहीं लिखा जा रहा है। कोविड-19 से मौत का कारण छिपाया जा रहा है। जिन लोगों की मौत कोविड-19 से हुई है, उनके स्वजनों को 15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। यह याचिका जबलपुर स्थानांतरित हो गई। चीफ जस्टिस की बैंच ने याचिका की सुनवाई की। कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
ग्वालियर में तीन संक्रमित मिले, दो स्वस्थ हुए: जीआरएमसी से आई 1190 लोगों की जांच रिपोर्ट में तीन संक्रमित पाए गए, जबकि दो मरीज स्वस्थ हुए। सरकारी कोरोना बुलेटिन में दो लोगों की कोरोना से मौत होना बताया गया है। अब तक जिले में 52 हजार 418 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 633 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना सैंपल की जांच भले ही घट गई हो पर कोरोना से संक्रमित हर रोज मिल रहे हैं। इधर अनलाक होने के चलते बाजारों में भीड़ बढऩे लगी है। लोग कोविड निमयों का पालन नहीं कर रहे। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है यह लापरवाही पूरे शहर पर भारी पड़ सकती है।
ग्वालियर
कोर्ट ने पूछा- मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड का जिक्र क्यों नहीं
- 24 Jun 2021