आइआइएम ने सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा अपनाई गई रणनीति पर किया अध्ययन
इंदौर। कोरोना महामारी से दुनियाभर में कई क्षेत्र प्रभावित हुए थे। बैंकों और ग्राहकों को भी इस दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन देश की बैंकों ने अपने कार्य करने के तरीकों और प्रक्रियाओं में ऐसे बदलाव किए, जिससे उनका प्रदर्शन और बेहतर हो गया। 2022 में सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों ने लाभ में 81 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। बैंकों ने कोरोनाकाल के दौरान किस तरह के बदलाव किए, इसे लेकर भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर ने अध्ययन किया है।
नौ सार्वजनिक बैंकों (पीएसयू) की चौथी तिमाही के परिणामों के आधार पर पाया गया कि पीएसयू बैंकों ने संकट से निपटने के लिए कई समान रणनीतियां अपनाई और परिचालन माडल को बदला। बैंकों ने ग्राहक सेवाओं और डाटा प्रबंधन को बेहतर बनाया। हर प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाई। विभिन्न उत्पादों और सेवाओं को आसान बनाने पर जोर दिया। विपणन संचार को सरल किया। सभी बैंकों ने संकट के समय में अपने डिजिटल माध्यमों को ज्यादा आसान और सुविधाजनक बनाने पर काफी समय दिया। आइआइएम इंदौर के स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट और इंटरनेशनल बिजनेस के प्रोफेसर डा. प्रशांत सालवान ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान दुनियाभर में आनलाइन माध्यमों का उपयोग तेजी से बढ़ गया था और ज्यादातर कार्य आनलाइन माध्यमों पर निर्भर हो गए थे।
इंदौर
कोरोनाकाल में आनलाइन प्रक्रिया आसान करने से बैंकों को मिली गति
- 22 Jul 2022