इंदौर,जहाँ एक तरफ इंदौर शहर स्वच्छता के मामले में लगातार चार बार नंबर वन पर आया,प्रशासन पूरी तरह से शहर के  लोगो के स्वास्थ्य के लिए सजग रहा है,वही खाध विभाग के अफसर लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।आज शहर में  मिठाई की दुकाने या खाने-पीने की और दुकानों मे ना तो साफ सफाई है और ना ही खाने के सामनो को ढककर रखा जाता है,परंतु खाद्य विभाग के अधिकारीयो का ध्यान इनकी ओर बिल्कुल भी नही है क्यूँकी  रिश्वतखोरी जमकर चल रही है।
सालों से खाध विभाग में पदस्थ ये अधिकारी निरिक्षण तक के लिए  नही जाते है ,अगर जाते तो आज शहर की मिठाईयों और खाने पीने की दुकानो मे गंदगी का ये आलम ना होता,अपने फायदे के  लिए ये अधिकारी लोगो के स्वास्थ्य से खेल रहे हैं।मिठाईयों की दुकानो मे  खुली मिठाईयाँ बेची जा रही है जिनमे सडक से धुल उड़कर बैठ जाती है,मक्खियों भिनभिनाती हुई मिठाईयाँ  होती है। जिसे खाकर लोग बिमारियों का शिकार होते है और दुकानों में कार्य करनेवाले कर्मचारी भी ना तो मास्क लगते है और ना ही ग्लब्स पहनते है।इंदौर शहर पूरे देश में  स्वच्छता की मिसाल है,जिसे खाद्य विभाग के अधिकारी रिश्वतखोरी की वजह से कलंकित कर रहे है।
                                              

                                                                                       
                            
                        
			      			  	
			      			  	
			      			  	
			      			  	
