उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंगलवार तड़के 4 बजे पट खोलने के पश्चात भस्म आरती में भगवान महाकाल को जल से स्नान कराने के पश्चात मंत्रोच्चार के साथ दूध, दही, घी, शहद और शक्कर रस के पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया। भांग, चंदन, सूखे मेवे, सिंदूर, आभूषण से मनमोहक श्रृंगार किया गया। भगवान को 56 भोग लगाया गया।
चंद्र ग्रहण पर महाकाल ने चंद्रमा धारण कर दर्शन दिए। मस्तक पर चंद्र और त्रिनेत्र, सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गई।
फल और मिष्ठान का भोग लगाया भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।
इंदौर
चंद्र ग्रहण पर भगवान महाकाल ने चंद्रमा धारण कर दर्शन दिए
- 08 Nov 2022