इंदौर। नगर निगम चुनाव को लेकर दोनों ही दलों में पार्षदों से लेकर महापौर प्रत्याशी को लेकर नाम चल रहे हैं। हालांकि कांग्रेस में महापौर प्रत्याशी के रूप में संजय शुक्ला घोषित कर दिए गए हैं। गौर करने वाली बात यह है कि पार्षद प्रत्याशी सक्रियता के हिसाब से तय कर दिए जाएंगे। लेकिन यहां भाजपा नगर निगम महापौर के लिए में कुछ ऐसे नाम चल रहे हैं जिन्हें आमजन में बहुत ही कम लोग जानते हैं। वहीं पार्षद पद के लिए दोनों ही दलों के राजनेता अपने हिसाब से नामों की घोषणा सोशल साइट के जरिए कर रहे हैं। इस वजह से दोनों ही दलों में अंदरूनी तौर पर गुटबाजी देखी जा रही है।
प्रत्याशी चयन काफी जटिल
दोनों ही दलों में प्रत्याशी के चयन की प्रक्रिया काफी जटिल है फिर भी दोनों ही दलों में हर दिन पार्षद पद के लिए एक नया नाम घोषित हो जाता है। इधर मतदाता बढ़ती हुई महंगाई, रिंग रोड,बाईपास,नर्मदा जल सड़के सफाई अभियान को लेकर खामोशी अख्तियार करा हुआ है। अब देखना है कि दोनों ही दलों के राजनेता इन मुद्दों पर जनता के बीच कैसे अपनी बात पहुंचा कर वोट बटोर पाएंगे।
कार्यालयों पर भीड़
दोनों ही दलों के कार्यालयों पर पार्षदों को लेकर दावेदारों की भीड़ देखी जा रही है। वे लोग भी सक्रिय हो गए है जो कभी वार्ड में दिखते नहीं थे वे अब वार्ड के साथ पार्टी कार्यालय के चक्कर लगा रहे है?
गुटबाजी में बटी कांग्रेस
कई वर्षों से कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभा रही है फिर भी कांग्रेसी जनता की आम मुद्दों की आवाज नहीं उठा पाते हैं। क्योंकि विधायक से लेकर सांसद,महापौर जिसको भी टिकट मिलता है उसे ही अपने विश्वासपात्रों के जरिए चुनावी समर में उतरना पड़ता है। और अधिकांश कांग्रेसी औपचारिकता निभाते हुए चुनावी समर में सक्रियता दिखाते हैं।
बीजेपी में एकजुटता दिखाने की होड़
केंद्र से लेकर राज्य तक बीजेपी कि सरकार है। पदाधिकारियों से लेकर कार्यकर्ताओं की एक मजबूत फौज बीजेपी के पास है जिसे भी प्रत्याशी बनाया जाता है उसके लिए पूरा संगठन काम करता है। अब परिस्थितियां थोड़ी सी कांग्रेस जैसी बीजेपी में भी दिखने लगी है। पदों पर बैठे राजनेता खुलकर अपने परिवार से ही प्रत्याशी का टिकट मांग रहे हैं जिसकी वजह से गुटबाजी बढऩे का अंदेशा को चला है।
यहां भी मैदान में
निगम चुनाव की घोषणा के बाद दोनों ही प्रमुख दल तैयारियों में जुट गए हैं। इसके अलावा आप पार्टी एवं अन्य पार्टी भी शहर के 50 वार्डों में मतदाताओं को लुभाने के लिए वोट मांगते हुए गली मोहल्लों में पहुंचेंगे।
राजनैतिक दलों में सरगर्मियां तेज
नगर निकाय चुनावों को लेकर दोनों ही मुख्य राजनैतिक दलों में सरगर्मियां तेज हो गई है। रायशुमारी और बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। पार्टियां अपने कार्यकतार्ओं को एक साथ करने में जुट गई है। इसके साथ ही प्रत्याशी चयन को लेकर बनाए गए प्रभारियों की आवाजाही शुरू हो गई है। निगम चुनाव के नामांकन की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है पार्षद एवं महापौर के दावेदारों की धड़कन तेज होती जा रही है। दावेदार अपने आकाओं को साधने के लिए आवेदन-निवेदन कर रहे हैं। वहीं टिकट के लिए भगवान को मनाने में लग गए हैं। दोनों राजनैतिक पार्टियों के अलावा अन्य पार्टियां भी चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। शहर के 50 वार्डों में पार्षद के दावेदार सुबह से ही निकल कर मतदाताओं को साधने में लग गए हैं। सोशल मीडिया में खबरनसीन भी अपने हिसाब से दावेदारों को समाजसेवी जैसे कसीदे पढ़ा रहे हैं। सबसे ज्यादा माथापच्ची दोनों ही प्रमुख दलों में महापौर प्रत्याशी को लेकर है। दोनों ही दलों में अंदरूनी तौर पर दावेदारों को लेकर गुटबाजी चरम पर है।
फिर वही मुद्दे और विकास के दावे
नगरी निकाय चुनाव में स्थानीय मुद्दों के साथ ही विकास कार्यों को लेकर दोनों ही दल आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए चुनावी समर में मतदाताओं के पास वोट मांगने पहुंचेंगे। नगरीय क्षेत्र में रिंग रोड, बायपास, गली-मोहल्ले के स्थानीय मुद्दों के अलावा नर्मदा जल का मुद्दा इस बार भी गर्मा सकता है।
इंदौर
दावेदारों की भीड़ से राजनैतिक दलों में उलझन, दोनों ही दलों में अंदरूनी तौर पर गुटबाजी
- 07 Jun 2022