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जबलपुर

दमोह में बनी थी इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की फर्जी डिग्री

  • 17 Jun 2021

जबलपुर। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में पकड़ाए गए जालसाज ने दमोह जिले से डॉक्टर की फर्जी डिग्री बनवाई थी। उसी फर्जी डिग्री के आधार पर उसने शहर के आशीष हॉस्पिटल में डॉक्टर की नौकरी पाई थी। जालसाज ने डिग्री कैसे बनवाई और दमोह के व्यक्ति ने कितने लोगों को फर्जी डिग्रियां बांटी हैं, इसका पता लगाया जा रहा है। जालसाज नीरज साहू भोपाल में जेल में बंद है, जिसे पूछताछ के लिए रिमांड पर जबलपुर लाने एसटीएफ की टीम भोपाल में डेरा डाले है। डिग्री के फर्जी होने की पुष्टि इलेक्ट्रो होम्यौपैथी कॉलेज संचालक ने की थी। जिसके बाद एसटीएफ पतासाजी में जुटी थी कि हू-ब-हू असली नजर आने वाली फर्जी डिग्री कहां बनवाई गई थी। इसका दमोह कनेक्शन मिलने के बाद एसटीएफ टीम सक्रिय हो गई।
दूसरी एफआइआर में रिमांड की मांग
बताया जाता है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी में एसटीएफ ने डॉ. नीरज साहू समेत करीब आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया था। डॉ. साहू शहर में संचालित एक निजी अस्पताल में बतौर ड्यूटी डॉक्टर सेवाएं दे रहा था। एसटीएफ ने साहू समेत अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर एसटीएफ थाना भोपाल पहुंचा दिया था। जहां से कोर्ट के निर्देश पर सभी को जेल भेज दिया गया। एसटीएफ की जबलपुर इकाई ने आरोपितों से पूछताछ के लिए कोर्ट से रिमांड की मांग की थी। रिमांड न मिलने के कारण आरोपितों से पूछताछ नहीं हो पा रही थी। इस दौरान एसटीएफ ने डॉ. नीरज साहू की चिकित्सा डिग्री की जांच कराई। संबंधित महाविद्यालय में उक्त डिग्री भेजी गई तो महाविद्यालय प्रबंधन ने छानबीन कर बताया कि उक्त डिग्री फर्जी है जो महाविद्यालय से जारी नहीं की गई। यह जानकारी पाकर एसटीएफ ने डॉ. साहू के खिलाफ धोखाधड़ी की दूसरी एफआइआर दर्ज की। इसके बाद आरोपित को जाली मार्कशीट व डिग्री के संबंध में पूछताछ करने जबलपुर लाने की तैयारी की जा रही है।
नागपुर की महिला डॉक्टर गिरोह की सरगना
एसटीएफ ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में नीरज साहू के अलावा डॉ. जितेंद्र ठाकुर, सुधीर सोनी, राहुल उर्फ अरुण विश्वकर्मा को पकड़ा था। उनसे पूछताछ में जबलपुर निवासी व नागपुर में निजी अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर संगीता पटेल का नाम सामने आया। आरोपितों ने बताया कि उनके गिरोह की सरगना संगीता है। जिसके बाद एसटीएफ टीम संगीता की तलाश में जुटी और उसे भी गिरफ्तार कर भोपाल ले जाया गया। सभी आरोपित भोपाल की जेल में बंद हैं। एसटीएफ की पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जबलपुर से लेकर नागपुर तक की गई।