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इंदौर

दलालबाग में जारी है आत्मबोध शिविर, प्रतिदिन सैकड़ो साधक हो रहे शामिल

  • 21 Jul 2022

गोली का घाव भर सकता है ,बोली का नहीं : पूर्णमति माता
इंदौर । हमें हमारे शब्दो को तोल-मोल कर बोलना चाहिए। वाणी ही एक मात्र है जिसे बोल हम समाज और परिवार में जान व पहचान पाते हैं। इसलिए हमें अपनी वाणी से कभी किसी को अपशब्द नही बोलना चाहिए। वाणी से ही हम अच्छे दोस्त भी बना सकते हैं और दुश्मन भी पैदा कर सकते है। उन्होंने दृष्टांत देते हुए कहा कि गोली का घाव तो भर जाता है लेकिन बोली का घाव कभी नही भरता है। इसलिए हमें सदैव हमारी वाणी को मधुर रखना चाहिए।
 उक्त विचार दलालबाग में आयोजित धर्मसभा में संत शिरोमणी आचार्य श्री विद्या सागर महामुनि राज की परम् शिष्या परम पूज्य 105 स्वर कोकिला आर्यिका पूर्णमति माताजी ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने धर्म सभा में वास्तु का महत्व बताते हुए कहा कि जैन धर्म मे वास्तव में वास्तु का महत्व है। हमे हमारे घर के वास्तु को ठीक नही करना है वरन हमें हमारे शरीर का वास्तु सुधारना है। शरीर का वास्तु सुधर गया तो घर ले वास्तु अपने आप सुधर जाएगा। उन्होने कहा कि हमें हमारे मन के वास्तु को समझने की जरूरत है। हमारे मन का वास्तु अच्छा होगा तो हमारा मन भी अच्छा हो जाएगा। हमें कभी नकारात्मक विचार नही आएंगे। श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट छत्रपति नगर एवं चातुर्मास संयोजक विपुल बांझल, सचिन सुपारी ने बताया कि दलालबाग में जारी चातुर्मासिक प्रवचनों की श्रृंखला में सुबह सभी श्रावक-श्राविकाओं के लिए आत्मबोध शिविर भी आयोजित किया जा रहा है। जिसमें महिलाएं और पुरूष बड़ी संख्या में शामिल होकर शिविर का लाभ ले रहे हैं। बुधवार को आयोजित धर्मसभा में 3 देश 18 राज्यों के गुरू भक्तों ने पूर्णमति माताजी को श्रीफल भेंट किया। वहीं आचार्य विद्या सागर महाराज का चित्रअनावर भी इस अवसर पर हुआ। वहीं अगले माह 5, 6 एवं 7 अगस्त को आर्यिका पूर्णमति माताजी का दीक्षा महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। जिसके तहत तैयारियों का दौर अभी से जारी है।