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इंदौर

पीएससी के अटके परिणामों से परेशान अभ्यर्थी

  • 14 Jul 2022

चीफ जस्टिस के नाम विनती पत्र भेजकर कर रहे जल्द निर्णय देने की मांग
इंदौर। तीन वर्षों से प्रदेश में पीएससी और व्यापमं की भर्ती प्रक्रियाएं अंजाम तक नहीं पहुंच पा रही है। ओबीसी आरक्षण पर होई कोर्ट में लंबित विवाद के कारण पीएससी और व्यापमं जैसी एजेंसियां चयन के अंतिम परिणाण रोक रही है। 25 जुलाई को ओबीसी आरक्षण के मामले पर हाई कोर्ट में फिर से सुनवाई है। इंतजार कर परेशान अभ्यर्थियों ने मुख्य न्यायाधीश के नाम विनती पत्र भेजने का अभियान शुरू कर दिया है। पत्र में कोर्ट से मामले पर निर्णय सुनाने का आग्रह कर रहे हैं।
प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के 14 फीसद से बढ़ाकर 27 फीसद कर दिया था। बढ़े हुए आरक्षण के खिलाफ याचिका नंबर 5901 2019 में उच्च न्यायालय में दाखिल हुई थी। तब से अब तक इस पर अंतिम निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच पीएससी ने राज्य सेवा 2019 की प्रक्रिया अंतिम दौर में रोक ली है। राज्य सेवा 2020, राज्य सेवा 2021 व अन्य तमाम परीक्षाओं के नतीजे भी जारी नहीं किए जा रहे हैं। आरक्षण पर हाई कोर्ट में लंबित विवाद इसकी वजह बताया जा रहा है। याचिका पर 25 जुलाई को सुनवाई होना है। परीक्षाओं में हिस्सेदारी कर रहे अभ्यर्थियों ने अभियान छेड़कर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के नाम पत्र लिखना शुरू कर दिया है।
अभ्यर्थियों की ओर से पत्र हाई कोर्ट को भेज कर आग्रह किया जा रहा है कि इस याचिका पर अंतिम सुनवाई पूरी कर जल्द निर्णय दे दिया जाए। अभ्यर्थियों ने पत्र में लिखा है कि कोर्ट का निर्णय नहीं आने तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी। इस बीच तमाम अभ्यर्थियों की इंतजार में उम्र भी निकल रही है। निर्णय नहीं आता देख और अटकी प्रक्रिया से परेशान होकर कई छात्राओं की तो उनके परिवार वालों ने शादी करवा दी। विवाद के लंबा खींचने के कारण लाखों युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि 25 जुलाई के पहले ऐसे लाखों विनती पत्र हाई कोर्ट तक भेजे जाएंगे।