निगम का खर्च बचने के साथ जलसंकट से मिलेगी निजात
इंदौर। शहर में जलसंकट दूर करने अमृत योजना के तहत निगम करोड़ों के विकास कार्य कर रहा है। इससे आगामी गर्मी के दिनों में काफी हद तक जलसंकट से निजात मिल जाएगी। पांच साल पहले पर्यटन स्थलों का पानी लेने की योजना भी बनाई थी, जिस पर एक बार फिर निगम काम शुरू करेगा। इससे न सिर्फ निगम का भारी भरकम खर्च बचेगा, बल्कि सालभर पानी की सतत आपूर्ति बनी रहेगी।
यहां का लेंगे पानी महू तहसील के पातालपानी, तिंछा फाल, सीतलामाता फाल से पानी लेने की योजना है। जलूद की लाइन इन्हीं पर्यटन स्थलों से होकर गुजरती है। पर्यटन स्थलों का पानी ट्रीटेड कर उसे पीने योग्य बनाकर जलूद की लाइन से जोड़ दिया जाएगा, जिससे न सिर्फ पानी का प्रेशर बढ़ेगा, जल संकट के आसार भी नगण्य रहेंगे। जलूद लाइन नजदीक होने से निगम को नई लाइन जोडऩे में खर्च भी काफी कम आएगा।
वर्तमान में जलूद से इंदौर वासियों को तीसरे चरण में 540 एमएलडी पानी सप्लाय होता है। शहरीय आबादी के मान से यह पानी पूर्ति के योग्य है, लेकिन नलों से व्यर्थ बहने, आटो गैरेजों पर वाहनों की धुलाई व लोगों में अवेयनेस की कमी होने से संकट बना रहता है। गर्मी में यह संकट विकराल रुप अख्तियार कर लेता है, जिससे निगम को 200 टैंकर चलाकर आपूर्ति करना पड़ता है। टैंकरों से सप्लाय करने पर निगम को भारी भरकम खर्च आता है। लोगों को पानी बचाने के लिए कई बार शिविर लगाकर जानकारी दी, व्यर्थ पानी बहाने वालों पर कार्रवाई भी की, लेकिन हालत जस के तस बने हुए हैं। वर्ष 2015 में निगम ने वार्डों का परिसीमन करते हुए उनमें 29 गांव शामिल कर लिए हैं। इन गांवों में नर्मदा पानी पहुंचाने के लिए पेयजल टंकी का निर्माण किया गया है। टंकियों को नर्मदा लाइन से जोडऩे का काम चल रहा है। सभी टंकियों से जल सप्लाय होने पर शहर में पानी की आपूर्ति कुछ हद तक प्रभावित होगी। हालांकि, निगम की योजना है कि अगले साल चौथे चरण से पानी देने का काम भी शुरू किया जाए।
इंदौर
पर्यटन स्थलों से इंदौर तक पानी लाने की योजना फिर शुरू होगी
- 07 Nov 2022