इंदौर। कोरोना एक बार फिर से डराने लगा है। दरअसल 17 दिन के भीतर शहर में कोरोना से दो मौत हो चुकी है। गुरुवार को हुई 90 वर्षीय महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। हालांकि यह महिला किडनी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप सहित कई बीमारियों से पीडि़त थी और बार-बार अपील करने के बावजूद इसे कोरोना के टीके नहीं लगवाए गए थे।
डाक्टरों का कहना है कि किडनी, लीवर, दिल, मधुमहे जैसी अन्य गंभीर बीमारियों से पीडि़त लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य लोगों के मुकाबले बहुत कम हो जाती है। जरूरी है कि ऐसे लोग भी कोरोना के दोनों टीके समय पर लगा लें ताकि वायरस हमला भी करे तो टीके की वजह से शरीर में बनी एंटीबाडी वायरस का मुकाबला कर सके।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शहर में 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को कोरोना के टीके लग चुके हैं। यही वजह है कि कोरोना वायरस की चपेट में आने के बावजूद किसी भी मरीज में गंभीर लक्षण नजर नहीं आ रहे। 90 वर्षीय जिस कोरोना संक्रमित महिला की गुरुवार को मौत हुई उसे कोरोना का एक भी टीका नहीं लगा था। यही वजह थी कि वायरस का हमला होते ही उसकी स्थिति बिगड़ गई।
जरूरी हैं टीके लगवाना
इस मामले में श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ सलिल भार्गव का कहना है कि टीके से शरीर में कोरोना से लडऩे वाली एंटीबाडी बनती है। हर व्यक्ति के लिए कोरोना के दोनों टीके लगवाना जरूरी है। जिन लोगों को कोई भी पुराना या गंभीर रोग है वे भी कोरोना के दोनों टीके जरूर लगवाएं। गुरुवार को शहर में कोरोना के 10 नए मरीज मिले हैं। 90 वर्षीय महिला की कोरोना के बाद शहर में इस बीमारी से दम तोडऩे वालों का आंकड़ा 1463 पर पहुंच गया है।
इंदौर
फिर डराने लगा कोरोना, ज्यादातर लोगों को दोनों टीके लगने से राहत
- 11 Jun 2022