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संवाद और परिचर्चा

भाजपा में उलझा जिला अध्यक्ष का पद

  • 19 Nov 2019

ताई सोनकर के साथ तो विजयवर्गीय ने रखा वर्मा का नाम, शिवराज की पसंद मनोज पटेल
इंदौर। भाजपा जिला अध्यक्ष को लेकर तीन बड़े नेताओं के नामों ने संगठन को उलझा दिया है। तीनों ही दावेदारों के  नाम दिग्गजों ने रखे है। जिसके कारण फैसला होने में भाजपा जिला इकाई के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। जिला अध्यक्ष तय होने के बाद ही नगर का फैसला होना है।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान व राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अपने समर्थकों को जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना चाह रहे है। महाजन ने सांवेर के पूर्व विधायक राजेश सोनकर का नाम आगे बढ़ाया है तो शिवराज देपालपुर के पूर्व विधायक मनोज पटेल को लेकर मैदान में आ गए है। वहीं राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय देपालपुर के अपने समर्थक चिंटू वर्मा को लेकर अड़ गए है। तीनों ही नेता अपने समर्थकों को जिला अध्यक्ष बनाना चाह रहे है। सोनकर का नाम आने से पेंच उलझ गया है। वहीं ताई भी राजेश सोनकर को लेकर संगठन को इशारा कर चुकी है। अपना एक मात्र नाम संगठन को भेज भी चुकी है।
शिवराज व विजयवर्गीय भी अपने समर्थक को बैठाना चाह रहे है। मनोज पटेल जहां दो बार से विधायक रहे है। वहीं चिंटू वर्मा युवा मोर्चा अध्यक्ष से लेकर जिला महामंत्री रहे है। मनोज पटेल दो चुनाव हार भी चुके है। वहीं हाल ही में सत्ता जाने के बाद मनोज पटेल संगठन से दूरी बना चुके है। वहीं आंदोलनों में भी सिर्फ मुंह दिखाई कर अकेले ही पहुंच रहे है जिसके कारण पटेल के खिलाफ काफी शिकायतें हैं। वहीं चिंटू वर्मा हमेशा सक्रिय होने के कारण पटेल से ज्यादा प्रभावी बने हुए है। तीनों दिग्गजों के कारण पेंच फंस गया है। अब फैसला इन तीनों में से ही होना है। वहीं राऊ विधानसभा से रवि रावलिया फिर अध्यक्ष बनना चाह रहे है। हालांकि उनके लिए अब कोई बड़ा नेता सामने नहीं है सिर्फ मधु वर्मा रावलिया की पैरवी कर रहे है।
पांच पांडवों में उलझी नगर भाजपा की कुर्सी
भाजपा संगठन को दिल्ली से मिले आदेश के बाद उम्र के बंधन में पुराने भाजपाई बंध गये हैं। मंडल अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष की कुर्सी पाने के लिए मशक्कत चल रही है। नगर की कुर्सी पाँच पांडवों के बीच उलझ गई है। इसमें ताई भाई और शिवराज के साथ ही संघ से भी नाम आगे आये हैं। भाजपा नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा मानकर चल रहे थे कि उनके कार्यकाल में कार्यकर्ता खुश थे तो उन्हें दोबारा कुर्सी मिलने में दिक्कत नहीं आयेगी। लेकिन उम्र के पेंच ने उन्हें दौड़ से बाहर किया। हालांकि संगठन से जो आदेश मिला है उसमें अध्यक्ष के लिए 45 से 50 साल की उम्र तय की गई है। खास स्थिति में पार्टी तालमेल पर नेमा को मौका दे भी सकती है। यही गली नेमा को नजर आ रही है। इधर 45 साल वाले कई नेता मैदान में उतर गये हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गौरव रणधीवे को नगर की कुर्सी पर बैठाने के लिए आगे कर दिया है। गौरव के लिए एक बार फिर वही मशक्कत हो रही है जो राऊ विधानसभा टिकट के दौरान हुई थी। गौरव का राऊ से टिकट फायनल होने वाला था कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रुकवा दिया था। अब ताई की कुर्सी भी जा चुकी है तो गौरव के लिए कैलाश पूरा जोर लगा रहे हैं। गोलू शुक्ला युवा मोर्चा को चला चुके हैं अब वे नगर की कमान चाहते हैं। गोलू भी बड़े नेताओं के सहारे अध्यक्ष की कुर्सी देख रहे हैं। संगठन की तरफ से सबसे मजबूत नाम मुकेश राजावत का बताया जा रहा है जो अभी नगर महामंत्री है और पिछले दो बार से अध्यक्ष की दौड़ में शामिल रहे हैं। राजावत को संगठन की समझ है और कार्यकर्ताओं से काम लेना आता है। यही अनुभव के सहारे वे एक बार फिर अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हो गये हैं। इन्हीं की तरह कमल वाघेला का नाम भी चला है। वाघेला को भी संगठन की समझ है लेकिन सोश्यल मीडिया पर उम्र कम कर गलती कर बैठे हैं। हालांकि बड़े नेताओं को समझा दिया है कि वह गलती बच्चों ने की है वे तो अभी पचास से कम के हैं। इन पांच नामों में ही नगर भाजपा की कुर्सी घूम रही है। इसके अलावा प्रदीप नायर को भी सांसद शंकरलालवानी का साथ मिल गया है। बताया जा रहा है कि लालवानी की तरफ से नायर का नाम आगे किया जाएगा।