समिति सचिव और अध्यक्ष पर दर्ज है गैर इरादतन हत्या का केस
इंदौर। बीते गुरुवार को रामनवमी पर शहर के पटेल नगर में हुए हादसे के बाद पुलिस बेलेश्वर महादेव मंदिर समिति के सचिव और अध्यक्ष के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर चुकी है। लेकिन घटना के एक सप्ताह बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। अफसरों का कहना है कि अध्यक्ष की गिरफ्तारी के लिए टीम भेजी थी लेकिन वो फरार है, दूसरी ओर उपचारत सचिव के डिस्चार्ज होने के बाद भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है।
पिछले सप्ताह गुरुवार को इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी पर हर साल की तरह हवन-पूजन था। हवन के दौरान बावड़ी का स्लैब धंसने से 36 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। इतना ही नहीं लापरवाही बरतने वाले भवन अधिकारी परसराम अरोलिया और बिल्डिंग इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। लेकिन अभी तक अध्यक्ष या सचिव में से किसी भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
हर साल मंदिर में हवन का आयोजन परिसर के बाहर होता था लेकिन जिन लोगों ने परिसर के अंदर हवन करवाने का निर्णय लिया, उसमें सचिव मुरली सबनानी की अहम भूमिका बताई जा रही है। सबनानी घटना के दौरान मंदिर में मौजूद थे और हादसे का शिकार भी हुए। उन्हें इलाज के लिए एप्पल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां उनके पैर का ऑपरेशन किया गया है। पुलिस गिरफ्तारी के लिए उनके डिस्चार्ज होने का इंतजार कर रही थी। मंगलवार को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया मगर इसके बाद भी उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। दूसरी ओर मंदिर समिति के अध्यक्ष सेवाराम गलानी को लेकर भी पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे फरार हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के अनुसार जिसके तहत गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया जाता है, उसमें आजीवन कारावास या दस साल तक का कारावास हो सकता है।
हादसे की सीबीआई जांच कराने चौथी याचिका दायर
पटेल नगर स्थित बेलेश्वर मंदिर में बावड़ी धंसने हुई 36 लोगों की मौत की सीबीआई जांच कराए जाने को लेकर चौथी जनहित याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट इन सभी की एक साथ सुनवाई कर सकती है। ताजी याचिका में मांग की गई है कि पीडि़तों के परिजन को 25-25 लाख का मुआवजा दिया जाए। यह कोई प्राकृतिक घटना नहीं है बल्कि नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही से हुआ हादसा है।
बावड़ी को भरकर साक्ष्य मिटाए गए- कोडवानी
सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने आरोप लगाया कि जानें लेने वाली बावड़ी का भराव कर साक्ष्य मिटाए गए हैं। यह गलत है। इस बगीचे में दो मंदिर, टंकी और पार्षद का ऑफिस है। नक्शे में लैंड यूज नहीं बदला गया। अगर यह बगीचे के लिए है तो फिर यहां निर्माण कैसे हुए? बावड़ी पर स्लैब किसने डाला, इसकी जांच होना चाहिए।
इंदौर
मंदिर हादसे में अब तक गिरफ्तारी किसी की नहीं
- 06 Apr 2023