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इंदौर

यूपी में हो रही फर्जी चैक देने वाले की तलाश

  • 26 Nov 2022

किसान, प्रॉपर्टी ब्रोकर और भाड़े वाले को बताया इनवेस्टर
इंदौर। डिजीटल बैंकिंग लेनदेन करने वाली कंपनी के अफसर ने 35 करोड़ की धोखाधड़ी तो टाल दी, लेकिन जिस कंपनी के चैक से इतने करोड़ निकाले जाने थे वह अभी भी रहस्य ही बना हुआ है। पुलिस ने चेक विड्रॉल करने वाले मेडिकल कंपनी के डायरेक्टर और एग्रीमेंट करने वाले चार लोगों को पकड़ा है। लेकिन इन्हें मिलाने वाला और चैक लाने वाली बीच का कड़ी का सूत्रधार अब भी फरार है। खजराना पुलिस की टीम उसकी तलाश में यूपी में डेरा डाले हुए है। बताया जा रहा है कि आरोपी पर पहले से यूपी में कई अपराध दर्ज हैं।
खजराना पुलिस के हत्थे चढ़े शमीम अहमद पिता जब्बार अली निवासी सरियामा उत्तरप्रदेश, राम गोपाल पुत्र सत्यप्रकाश जायसवाल निवासी टिकरी गोंडा यूपी, जितेन्द्र पिता कोमल यादव निवासी गोंडा यूपी और अवधेन्द्र पिता राजितराम वर्मा निवासी अंबेडकर नगर यूपी का आज रिमांड खत्म हो रहा है। लेकिन पुलिस बोकेम प्राइवेट पैरेंटल लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर सुनील जैन निवासी उज्जैन की रिमांड और मांगेगी। लेकिन इस लोगों को आपस में मिलाने वाले आरोपी रघुनंदन वर्मा अभी भी फरार है। सुनील ने पूछताछ में बताया कि उक्त चेक रघुनंदन ने ही लाकर दिया था। वहीं शमीम सहित अन्य गिरफ्तार आरोपियों से भी उसी ने ही मुलाकात कराई थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक रघुनंदन वर्मा यूपी के गोंडा का रहने वाला है। वहीं शमीम प्रॉप्रटी ब्रोकर है, रामगोपाल और जितेन्द्र किसान हैं। अवधेन्द्र किराए की गाडिय़ां चलाता है। पुलिस ने बताया कि ये लोग जब सुनील जैन से मिले तो उन्होंने खुद को इनवेस्टर बताया। इन्होंने नई दिल्ली की इंश्योरेस कंपनी की तरफ से सुनील को उसके व्यापार में इनवेस्ट करने के लिए राजी किया। रघुनंदन ने इसके लिये शमीम के साथियों के साथ सुनील का एक पेज का एग्रीमेंट भी तैयार करवा दिया और फिर उसे चेक दे दिया।
ऐसे हुई पहचान
दरअसल सुनील जैन की कंपनी भी मेडिकल में काम करती है। उसके प्रोडक्ट देशभर के करीब 100 शहरों में जाते हैं। यूपी में इसी दौरान उसका रघुनंदन वर्मा से परिचय हो गया। सुनील ने बातचीत में बताया कि उसे अपनी कंपनी में इनवेस्ट की आवश्यकता है। जिसके लिये उसने कुछ बैंकों में अप्लाय किया है। इसी का फायदा उठाकर रघुनंदन ने दिल्ली की इंश्योरेस कंपनी में खुद के अफसर होने की बात कही और अपनी कंपनी की ओर से सुनील की बोकेम प्रायवेट पैरेंटल कंपनी में इनवेस्ट करने की बात कही।
अब आगे क्या
पुलिस के मुताबिक रघुनंदन वर्मा के पकड़ाने पर चेक किस तरह से नई दिल्ली की इंश्योरेंस कंपनी से निकला इस बात को लेकर पूछताछ की जाएगी। वहीं गैंग में और कितने लोग उसके साथ हैं इस बात का भी खुलासा हो पाएगा। पुलिस के मुताबिक रघुनंदन वर्मा पर यूपी के गोंडा में अपहरण सहित अन्य अपराध दर्ज हैं। वह बार-बार शहर बदलता रहता है। लेकिन पुलिस उसके जल्द पकड़ाने की बात कह रही है।