इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने परिणाम घोषित होने के बाद विद्यार्थियों के आंतरिक परीक्षा के अंक भेजने वाले कालेज पर कार्रवाई की है। विश्वविद्यालय ने कालेज पर जुमार्ना लगाने का आदेश निकाला है, जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी के हिसाब से दो हजार रुपये जमा करवाना है। मंगलवार को कालेज का स्टाफ जुमार्ने की राशि कम करवाने की गुहार लगाने लगा। वैसे अधिकारियों ने जुमार्ना की राशि में बदलाव करने से साफ मना कर दिया है, जबकि प्रबंधन के मुताबिक मुख्य परीक्षा शुरू होने से पहले ही अंक भेजे गए थे। फिलहाल इस संबंध में विश्वविद्यालय में किसी भी तरह का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
दरअसल, विश्वविद्यालय ने एमबीए दूसरे और चौथे सेमेस्टर का परिणाम दस दिन पहले घोषित किया, मगर शिवकुमार सिंह कालेज ने प्रैक्टिकल परीक्षा के अंक मार्च में दिए। इसके चलते विश्वविद्यालय ने कालेज से पढ़ने वाले 100 छात्र-छात्राओं के परिणाम रोक दिया। लापरवाही बरतने वाले कालेज के खिलाफ विश्वविद्यालय ने कार्रवाई की है। प्रत्येक विद्यार्थी के हिसाब से दो-दो हजार रुपये जमा करने के निर्देश दिए। विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से कालेज को दो लाख रुपये जमा करना है। विश्वविद्यालय का आदेश मिलने के बाद कालेज में हड़कंप मचा गया। राशि कम करवाने के लिए कालेज का स्टाफ तीन दिन से अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी का कहना है कि कालेज को जुमार्ने की राशि भरने के लिए आदेश दिया हैं, मगर प्रबंधन के मुताबिक अंक पहले ही भेजे हैं। कालेज को अंक दिए जाने के संबंध में प्रमाण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। कालेज के डायरेक्टर शरद सिसौदिया का कहना है कि कुछ और कालेज ने अंक देरी से भेजे थे। उन्हें विश्वविद्यालय ने अनुमति दे दी है। वैसे विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर राशि कम करने पर जोर दिया है।
विद्यार्थियों से न वसूलें राशि
राशि कम करवाने पहुंचे कालेज के स्टाफ को अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जुमार्ने की राशि विद्यार्थियों से न वसूली जाए, बल्कि परीक्षा समय पर नहीं करवाने और अंक भेजने में कालेज की लापरवाही सामने आई है। मौखिक आदेश में अधिकारियों ने स्टाफ को राशि कालेज द्वारा जमा करने पर जोर दिया है।
पहले करवानी होती है परीक्षा
मुख्य और आंतरिक परीक्षा के अंकों के आधार पर विद्यार्थियों का मूल्यांकन होता है। नियमानुसार मुख्य परीक्षा शुरू होने के पहले कालेजों को आंतरिक व प्रैक्टिकल परीक्षा करवाकर अंक भेजने होते हैं। इसके लिए पहले कालेजों को एमपी आनलाइन पर अंक अपलोड करने होते हैं। आंतरिक परीक्षा के अंकों की हार्ड कापी भी विश्वविद्यालय में भिजवाई जाती है, मगर कालेज प्रक्रिया का पालन ठीक से नहीं करते हैं। अधिकांश समय परीक्षा होने के बाद कालेजों से अंक प्राप्त होते हैं।
इंदौर
रिजल्ट घोषित होने के बाद विद्यार्थियों के प्रैक्टिकल परीक्षा के नंबर भेजे ... कालेज पर दो लाख का जुर्माना
- 13 Mar 2024



