प्रशासन से मांगी जानकारी, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद
इंदौर। महिला सशक्तिकरण के बाद शासन-प्रशासन महिलाओं को रोजगारोन्मूलक प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने में लगा हुआ है। शासन के इस प्रयासों को पंख भी लग रहे हैं। कई मामलों में महिलाएं, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है, लेकिन एक काम ऐसा भी है, जिसमें अभी तक महिलाओं की सहभागिता नहीं हो सकी। शहर की 300 से अधिक कंट्रोल दुकानें, जो वर्तमान में पुरुष सेल्समेन संचालित कर रहे हैं, उसकी कमान महिलाओं को दी जाएगी। महिला स्व सहायता समूह को दुकानें आवंटित करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। खाद्य विभाग के अधिकारी...........ने बताया कि 50 से अधिक स्वसहायता समूह है, जो एनजीओ के साथ मिलकर सामाजिक कामकाज करते हैं। समूह की महिलाओं को निर्धारित मानदेय भी शासन की ओर से मिलता है, जिनसे उनका गुजर बसर मुश्किल हो जाता है। इसलिए शासन की मंशा है कि समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने उन्हें कंट्रोलों की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
समूहों को कंट्रोल दुकान चलाने के लिए सदस्यों से मशविरा मांगा गया है। सहमति मिलने के बाद उन्हें राशन वितरण प्रक्रिया का एक दिनी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके बाद पांच कंट्रोल समूह को सौंपेंगे।
कंट्रोल दुकानों पर अनाज वितरण में गड़बड़ी को रोकने पीओएस मशीन स्थापित की है। इसके बाद भी अंगूठा नहीं आने, मशीन खराब होने पर अनाज की कालाबाजारी की जाती है। यह भी आरोप लगे हैं कि कंट्रोल दुकानों पर आने वाली महिला उपभोक्ताओं को परेशान किया जाता है। महिलाओं द्वारा संचालन करने से इस तरह की गतिविधियों पर रोक लग सकेगी।
इंदौर
राशन दुकानों का जिम्मा महिला स्व सहायता समूहों को मिलेगा
- 09 Nov 2022