नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने जिस तरह से कुछ ही दिनों में हजारों फ्लाइट्स कैंसल कर दी हैं, उसके आने वाले दिन परेशानी भरे हो सकते हैं। सरकार भी इंडिगो एयरलाइन पर एक्शन लेने के फुल मूड में है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) पूरी तरह से ऐक्शन मोड में है। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने सोमवार को कहा कि सरकार इंडिगो के शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम में कटौती करेगी और विमानन कंपनी के हालिया बड़े पैमाने पर परिचालन व्यवधानों के बाद उन्हें अन्य संचालकों को आवंटित करेगी। माना जा रहा है कि इंडिगो से रोजाना करीब 110 उडा़नें छीनी जा सकती हैं। अगर इंडिगा को रवैया नहीं सुधरा तो ऐक्शन और भी कड़ा हो सकता है। नायडू ने कहा कि इंडिगो पर एक्शन लेकर सरकार मिसाल पेश करेगी।
नायडू ने दूरदर्शन समाचार चैनल से कहा, “हम इंडिगो के मार्ग को कम करेंगे। वे अभी 2,200 उड़ानें संचालित कर रहे हैं। हम उन्हें निश्चित रूप से कम करेंगे।’’ मंत्री ने यह भी बताया कि एक से आठ दिसंबर (शाम पांच बजे तक) तक रद्द किए गए 7,30,655 पीएनआर के लिए 745 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा 9,000 यात्रियों के बैगों में से 6,000 वापस किए जा चुके हैं और शेष बैग आज रात या मंगलवार सुबह तक दे दिए जाएंगे।
बता दें कि इंडिगो के शेयर पहले से ही धड़ाम हो गए हैं। वहीं सरकार की एक्शन से इंडिगो की बाजार में हिस्सेदारी पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि 5 दिसंबर को इंडिगो की 100 से ज्यादा सेवाएं प्रभावित हुई थीं। इसके बाद लाखों यात्री परेशन हो गए। लोग एयरपोर्ट्स पर फंसे रहे। यात्री वैकल्पिक विमानों की व्यवस्था भी नहीं कर पाए।इसके बाद डीजीसीए ने इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इंडिगो ने बताया कि वह पूरे संकट के लिए जिम्मेदार नहीं है।
इंडिगो ने कहा कि मामूली तकनीकी खराबियां, विंटर शेड्यूल लागू होने में बदलाव हवाई यातायात पर बढ़ी भीड़, खराब मौसम और नए क्रू ड्यूटी टाइम लिमिटेशन यानी एफडीटीएल फेज-2 की वजह से उड़ानों को रद्द करना पड़ रहा है। एयरलाइन ने कहा कि क्रू रोस्टरिंग में बड़े बदलाव किए गए हैं जिसके बाद पूरा नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वहीं क्रू भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इंडिगो ने डीजीसीए के मैनु्अल का हवाला देते हुए 15 दिनों का अतिरिक्त समय मांगा है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान



