इंदौर। मतदान केंद्र के बाहर से पकड़कर लाए गए तीन साल से फरार तस्कर से एसटीएसएफ की पूछताछ खत्म हो गई है, जिसमें उसने कई चौंकाने वाली खुलासे किए है। टीम ने तस्कर के पास से वह बंदूक भी बरामद कर ली है जिससे उसने जंगल में तेंदुए का शिकार किया था।
पूछताछ में तस्कर ने बताया शिकार के बाद तेंदुए की जंगल में खाल निकाली। पंद्रह दिन बाद खाल को अलग-अलग लोगों के पास रखा था। बाद में खाल का सौदा करने के लिए मांगीलाल को दिया। ग्राहकों से संपर्क करने का काम मांगीलाल की बेटी चंद्रा और हरसिंग को दे रखा था।
दरअसल १७ अगस्त २०१९ को तेंदुए की खाल व अंगों की तस्करी में पीथमपुर से पकड़ाए तस्कर चंद्रा और हरसिंग को एसटीएसएफ ने पकड़ा। पूछताछ में चंद्रा ने खाल पिता मांगीलाल से मिलना बताई थी। मांगीलाल का नाती पप्पू भी वन्य अपराध में शामिल था। गिरफ्तार करने के बाद मांगीलाल ने खाल धार जिले में आने वाले बारुखों निवासी रमेश से देना बताई। दिसंबर २०१९ से मई २०२२ तक आठ बार एसटीएसएफ रमेश को पकडऩे गई। मगर वह हर बार जंगल में जाकर छिप जाया करता था। मगर ८ जुलाई को रमेश अपने बारूखों गांव में चार किमी दूर उकाला गांव में मतदान करने पहुंचा। जहां एसटीएसएफ इंदौर और भोपाल की टीम ने उसे पकड़ लिया।
दो दिन की पूछताछ
रमेश को गिरफ्तार करने के बाद एसटीएसएफ ने न्यायालय में पेश किया। दो दिन की रिमांड ली गई। टीम ने खाल के बारे में पूछा तो रमेश ने जंगल से शिकार करना बताया है। इसमें दो अन्य लोगों के शामिल होने की बात कहीं है। शिकार में इस्तेमाल होने वाली बंदूक एसटीएसएफ ने बरामद कर ली है। शिकार के कुछ देर बाद ही इन लोगों ने तेंदुए की खाल निकाल ली थी। खाल बेचने के लिए रमेश ने तीन अलग-अलग लोगों को कहा था। टीम बाकी आरोपितों की तलाश में जुट गई है। फिलहाल रमेश को जेल भेज दिया है।
इंदौर
शिकार करने के बाद जंगल में ही तेंदुए की निकाली थी खाल, तस्कर से बंदूक जप्त
- 15 Jul 2022