Highlights

इंदौर

शहर में नजर आया होली का उल्लास

  • 09 Mar 2023

राजबाड़ा पहुंची युवाओं की टोली, उड़ाया रंग-गुलाल
इंदौर। शहर में इस बार दो दिन रंग उड़ा। मंगलवार को भी होली मनाई गई, लेकिन माहौल बुधवार को ही नजर आया। छुट्टी के दिन लोग त्योहार के रंग में दिखे। एक-दूसरे को पर्व की बधाई देने के साथ ही रंग-गुलाल लगाया। बच्चों ने भी जमकर होली का आनंद लिया। अब सभी बेसब्री से रंगपंचमी की गेर का इंतजार कर रहे है।
इस बार रंगपंचमी संडे को है, जिसने इंदौरियों का उत्साह और बढ़ा दिया है। गेर की हुड़दंग में शामिल होने के लिए तैयारियां शुरू हो गई है। आयोजक भी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। वहीं सुरक्षा व्यवस्था सख्त हो इसलिए करीब दो हजार पुलिसकर्मी अलग-अलग इलाकों सहित प्रमुख चौराहों पर तैनात किए हैं। पुलिसकर्मियों को हेलमेट, बाडीगार्ड, बाडी वार्न कैमरे और सिटी सर्विलांस सिस्टम के साथ तैनात किया है। पुलिसकर्मियों की क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) भी बनाई गई है। हुडदंग या हंगामे की सूचना मिलने पर क्यूआरटी को मौके पर पहुंचने के लिए निर्देशित दिए गए। गाडिय़ों पर तीन सवारी बैठकर हंगामा करने, रज फेंकने और विवाद करने वालों को पकड़ा पर भी नजर रखी गई। शब ए बारात और रंगपंचमी की वीडियो ग्राफी करवाई जाएगी। पुलिस के साथ नगर निगम और एमपीईबी का दस्ता भी रहेगा।
वहीं राज परिवार के पुजारी लीलाधर वारकर गुरुजी बताते हैं कि ' होली दहन की परंपरा 1728 में होलकर राज्य के संस्थापक सूबेदार मल्हाराव होलकर ने की थी जो आज भी कायम है। यह पर्व पांच दिन मनाया जाता था। तैयारी एक महीने पहले दांडी पूर्णिमा से शुरू हो जाती थी। होलिका दहन के लिए राजवाड़ा चौक को धोकर तैयार किया जाता था। तब होलकर रियासत में चार बग्घियों में सवार होकर होलकर शासक आते थे। होलकर सेना द्वारा सलामी दी जाती थी। दहन पर घुड़सवार बंदूकधारियों द्वारा 21-21 राउंड के फायर किए जाते थे। इसके साथ ही पांच तोपों की सलामी भी दी जाती थी।