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इंदौर

सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने बावड़ी हादसे का दिखाया सच

  • 12 Apr 2023

निगम के पास नही है 1400 कुओं एवं बावड़ियों का रिकार्ड
130 बगीचों पर बन चुकी है सार्वजनिक टंकिया
इंदौर। शहर में 1400 से अधिक   पारंपरिक जल   स्रोतों की अधिकृत जानकारी आज निगम के पास नही है। शहर में करीब 1500 सार्वजनिक उद्यान थे आज 900 भी नही है।कई बगीचों पर टंकिया बन गई है। बावड़ियों पर धार्मिक स्थल ही नही, बहुमंजिला इमारत तक बन गई है।शहर में 6 वार्ड ऐसे है जहां 1 लाख से 2 लाख की आबादी रहती है। नियमानुसार 10 फीसदी हरियाली होना चाहिए,लेकिन  आज 2 फीसदी में भी हरियाली नही है। शहर में विकास के विपरीत अनियोजित विकास हुआ है जिसमें नेता,अफसर सभी जिम्मेदार है।
यह बात सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने आज डेवलपमेंट फाउंडेशन में मंच पर प्रेस क्लब सभागृह में कही।  वे पिछले दिनों पटेल नगर क्षेत्र में हुए बावड़ी हादसे के बाद हुई प्रशासन की नाकामिया बता रहे थे। कोडवानी ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि  बीते  5 वर्षो में  शहर में कैसे कैसे हादसे हुए और  उस पर प्रशासन कैसे नकारा सिद्ध हुआ।प्रशासन से पूर्व हादसे से कोई सबक नहीं लिया फिर चाहे सरवटे बस स्टैंड पर होटल का ढहना,छोटी ग्वाल टोली में सिवरेज की सफाई में निगमकर्मी की मौत ,रानीपुरा में फटाके की दुकान में अग्निकांड होना।
 प्रशासन में बैठे लोग ही नियमों की अवहेलना कर रहे और आम  नागरिकों से पालन की अपेक्षा करते है।प्रशासन की लापरवाही से  श्रीराम नवमी  पर बावड़ी में हादसा हुआ और रेस्क्यू आॅपरेशन में भी ढिलाई बरती गई ।क्षेत्रीय नागरिकों ने ही पहले रेस्क्यू आॅपरेशन चलाया। एनडीआरएफ और सेना तो बाद में आई। प्रशासन ने  बावड़ी को  बुर के साक्ष्य मिटा दिए।बेहतर होता कि घटना स्थल  को तीन शेड से ढंक दिया जाता  ताकि सही तरीके से जांच हो जाती।
कोडवानी ने कहा कि मैंने पूरी घटना का बारीकी से अध्ययन किया और वे सारे बिंदु    नोट कर लिए और एक विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट तैयार की। अब इस रिपोर्ट को  प्रशासन की जांच समिति के सामने   12 अप्रैल की प्रस्तुत करेगे।कोडवानी ने कहा कि बावड़ी हादसे में 36 बेकसूरों की मौत   के लिए किसी एक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।यह एक बड़ा मामला है और इसकी सही तरीके से जांच होना चाहिए।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि भविष्य में किसी भी सार्वजनिक कुएं,बावड़ियों और बगीचों  पर टंकियों से लेकर देवालयों  का निर्माण नही होना चाहिए। सभी लोग मिलकर बची हुई बावड़ियों और कुओं को बचाएं क्योंकि ये हमारे पारंपरिक जलस्रोत है। विषय प्रवर्तन करते हुए  मुकुंद कुलकर्णी ने कहा कि  एक जागरूक शहर में इतना बड़ा हादसा निद्नीय है, जो दोषी है उनको सजा मिलना चाहिए।