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इंदौर

सोयाबीन कटने के बाद पराली से प्रदूषण बढऩे का डर

  • 31 Oct 2022

इंदौर। मौसम में ठंडक बढऩे के साथ ही इंदौर में एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) बढऩे लगा है। इसके साथ ही शहर के बाहरी क्षेत्रों में किसानों द्वारा सोयाबीन की फसल काट लेने के बाद पराली जलाने का समय भी आ गया है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो इंदौर का एक्यूआइ बढ़ सकता है। वैसे भी बीते 15 दिनों से शहर का एक्यूआइ 100 से ऊपर चल रहा है। वहीं दो बार तो यह 200 के पार भी जा चुका है। हर साल सर्दी में इंदौर का एक्यूआइ बढ़ जाता है। विशेषज्ञ इसके पीछे हवा के भारी होने का कारण बताते हैं, लेकिन आसपास के इलाके में पराली जलाने को भी इसके पीछे जिम्मेदार ठहराया जाता है। अक्टूबर और नवंबर में सोयाबीन की फसल काटने के बाद पराली जलाने और उधर अप्रैल और मई के शुरूआती दिनों में गेहूं की फसल कटने के बाद पराली जलाने के मामले सामने आते हैं। इससे शहर का एक्यूआइ अचानक बढ़ जाता है। प्रदूषण विशेषज्ञ बताते हैं कि दीपावली के आसपास प्रदूषण में इजाफा होता है जिसका प्रमुख कारण आतिशबाजी होता है। लेकिन इसके बाद पराली जलाने पर भी प्रदूषण बढ़ता है। पंजाब, हरियाणा में पराली जलाने पर दिल्ली, एनसीआर में प्रदूषण बढ़ जाता है। ठीक उसी तरह हमारे यहां भी इस तरह की परेशानी आती है। बीते कई सालों से इसे लेकर पत्र लिखे जाते रहे हैं।