ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने मंगलवार को कहा कि मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस भारत के साथ तनावपूर्ण रिश्तों को आसान बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन आर्थिक हितों को राजनीतिक बयानबाजी से अलग रखते हुए भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को आगे बढ़ाने पर काम कर रहा है।
अहमद ने यह टिप्पणी अपने कार्यालय में सरकारी खरीद से जुड़े सलाहकार परिषद समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में की। उन्होंने कहा कि मुख्य सलाहकार भारत के साथ राजनयिक रिश्तों में सुधार के लिए विभिन्न हितधारकों से संवाद कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या यूनुस ने सीधे भारत से बात की है, तो अहमद ने कहा कि मुख्य सलाहकार ने सीधे तौर पर नहीं, लेकिन इस मसले से जुड़े लोगों से बातचीत जरूर की है।
वित्त सलाहकार ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश की व्यापार नीति राजनीतिक कारणों से संचालित नहीं होती। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि भारत से चावल आयात करना वियतनाम या अन्य देशों की तुलना में सस्ता पड़ता है, तो आर्थिक दृष्टि से भारत से ही खरीदना उचित है। अहमद ने बताया कि भारत के बजाय वियतनाम से चावल मंगाने पर प्रति किलोग्राम लगभग 10 टका (0.082 अमेरिकी डॉलर) अधिक खर्च आता है।
इस बीच, बांग्लादेश सरकार ने मंगलवार को भारत से 50,000 टन चावल खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अहमद ने कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों की दिशा में भी मददगार साबित हो सकता है, साथ ही इससे बांग्लादेश को आर्थिक लाभ भी होगा।
अहमद की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कूटनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ढाका और नई दिल्ली के बीच संबंध 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। हाल के महीनों में दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को तलब किया है और दोनों राजधानियों समेत विभिन्न स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन भी हुए हैं।
साभार लाइव हिन्दुस्तान
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सियासत अलग, व्यापार अलग: भारत से 50 हजार टन चावल खरीदेगा बांग्लादेश; वित्त सलाहकार ने बताया आर्थिक रूप से फायदेमंद
- 24 Dec 2025



