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इंदौर

सख्ती का असर नहीं, बन गई पीओपी की मूर्तियां

  • 04 Aug 2022

इंदौर। गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को है और इसके लिए गणेशजी की मूर्तियों की बुकिंग भी शुरू हो चुकी है। शहर में गणेशजी की मूर्ति न केवल मिट्टी, बल्कि प्लास्टर आफ पेरिस की भी उपलब्ध है। प्रशासन के भरपूर प्रयास के बावजूद शहर में इस बार भी प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्ति का निर्माण और कारोबार जारी है। इंदौर में हर वर्ष गणेशजी की करीब 4 लाख मूर्तियों की बिक्री होती है, जिसमें प्लास्टर आफ पेरिस का एक बड़ा भाग है। विक्रेताओं की मानें तो मिट्टी की मूर्ति के मुकाबले अभी भी शहर में प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्ति की बिक्री अधिक है।
भागीरथपुरा, रिवर साइड रोड, बाणगंगा, बंगाली चौराहा, रामबाग, जूनी इंदौर, राजवाड़ा, लोधीपुरा में बड़े पैमाने पर गणेशजी की मूर्ति बनती और बिकती हैं। इसमें से बंगाली चौराहा, जूनी इंदौर और रामबाग क्षेत्र में मिट्टी की मूर्तियों के निमार्ता अधिक है, जबकि अन्य स्थानों पर प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्ति अधिक मात्रा में बनती और बिकती है।
बंगाली शैली में मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर अतुल पाल के अनुसार बंगाली चौराहे पर करीब 6 कारखानों में गणेशजी की मूर्ति बन रही है और इस बार करीब 50 हजार मूर्तियां इन कारखानों में बनाई जा रही है। पहले यहां कारखानों की संख्या करीब 10 थी, जिसमें से कुछ कारखाने अन्य स्थान पर संचालित हो रहे हैं। प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्ति बनाने वाले दीपू बताते हैं कि शहर में तो प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्ति बनती ही है। साथ ही अन्य शहरों से भी आती हैं। प्रशासन की सख्ती के कारण कुछ कारीगरों ने मूर्ति बनाना बंद कर दिया और अब वे अन्य शहरों से मूर्ति मंगवाकर बेच रहे हैं। कन्हैया प्रजापति के अनुसार शहर में प्लास्टर आफ पेरिस की करीब 2 लाख मूर्तियां बिकती होंगी, जिसमें से करीब 60 प्रतिशत मूर्तियां इंदौर में ही बनती हैं। यहां से ग्रामीण क्षेत्रों में मूर्तियां सप्लाई होती है।