इंदौर संभाग के 500 से ज्यादा शासकीय चिकित्सकों को बड़ी राहत
इंदौर। इंदौर के 150 से ज्यादा शासकीय चिकित्सकों को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा है कि शासन द्वारा डाक्टरों को 2008 से 2012 के बीच दिए गए अतिरिक्त वेतन की वसूली नहीं की जा सकती। सरकार ने स्वत: अतिरिक्त वेतन जारी किया था। कोर्ट के इस फैसले का लाभ उन डाक्टरों को भी मिलेगा जो 2013 या इसके बाद सेवानिवृत हो चुके हैं।
मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ के महासचिव डा.माधव हासानी ने बताया कि वर्ष 2008 में शासन के आदेश के बाद शासकीय डाक्टरों के वेतन में वृद्धि हुई थी। वरिष्ठता के आधार पर डाक्टरों का वेतन चार हजार से लेकर 12 हजार रुपये तक बढ़ाया गया था। 2012 में सरकार ने इस आदेश को यह कहते हुए वापस ले लिया कि इससे शासन पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। 2013 या इसके बाद सेवानिवृत्त होने वाले चिकित्सकों को नोटिस जारी करते हुए शासन ने तीन लाख से 10 लाख रुपये तक की वसूली निकाल दी।
डा. हासानी ने बताया कि चिकित्सकों ने शासन के 2008 के आदेश को वापस लेने के फैसले को मप्र हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने चिकित्सकों के पक्ष में फैसला सुनाया था। शासन ने एकल पीठ के फैसले को युगल पीठ में चुनौती देते हुए अपील प्रस्तुत की। युगल पीठ ने एकल पीठ के फैसले को पलट दिया। मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ ने युगल पीठ के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और याचिका दायर की। एसोसिएशन की तरफ से अधिवक्ता रोहिन ओझा ने पैरवी की। डा.हासानी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने शासन से कहा है कि वह डाक्टरों को पूर्व में दिए जा चुके वित्तीय लाभ की वसूली नहीं कर सकता।
इंदौर
सर्वोच्च न्यायालय का फैसला, डाक्टरों को दिए ज्यादा वेतन की वसूली नहीं कर सकती सरकार
- 24 Aug 2022