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इंदौर

सस्टेनेबल जीवन शैली देख प्रेरित हुए छात्र

  • 01 Jun 2022

इंदौर।  जिम्मी और जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सप्ताह कार्यक्रम के दूसरे दिन  डॉ एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय के इन्ज्नीरिंग व कामर्स के 50 छात्र अपने संकायों के  साथ जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर आये और उनका स्वागत स्वयं केंद्र की निदेशिका डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने किया  ।  उनका परिचय विश्व पर्यावरण दिवस 2022 के उपलक्ष में सिर्फ एक पृथ्वी पर संवाद के मुख्य वक्ता अनिल त्रिवेदी , देव वासुदेवन  और लेफ्टिनेंट कर्नल अनुराग शुकला से करवाया !
सस्टेनेबल जीवन शैली की एक झलक
सबसे पहले अनुराग शुक्ला ने इन सभी छात्रो को जनक दीदी का निवास परिसर दिखाया कि चर्चा से पहले सस्टेनेबल जीवन शैली साक्षात् देख लें ये  ऊर्जा और पवन ऊर्जा के संयोजन का अनूठा केंद्र है. घर में लगे पवन ऊर्जा प्लांट से रोजाना 2 किलोवाट बिजली का उत्पादन होता है, जिसे इनवर्टर के जरिए संरक्षित किया जाता है।  इसके अलावा घर में खाना पकाने के लिए दीदी सोलर कुकर का इस्तेमाल करती है।  उन्होंने घर में ही आॅटो ट्रैकिंग सोलर कुकर स्थापित कर रखा है, बारिश के दिनों में जब सोलर कुकर काम नहीं करता तो ये परिवार रद्दी पेपर से ब्रैकेट को कंडों की तरह चूल्हे में जलाकर खाना तैयार करता है पानी की आपूर्ति के लिए एक बड़ा तालाब खुदवाया है, जिसमें बारिश का पानी जाने से जल स्तर बढ़ा और बगल में सूख चुका बोरिंग पुनर्जीवित हो गया।
इसके बाद सामाजिक चिंतक ने अनिल त्रिवेदी ने उनसे वातार्लाप करते हुए कहा यह पॉल्युशन की सभ्यता का युग है , हम इंसान बॉडी और माइंड का संतुलन बहुत तेजी  खो रहे है पॉल्युशन गाँव मे नही माइंड में आया है। मनुष्य नेचर को नष्ट करने में अग्रसर है। टेक्नोलॉजी ने हमे कम उम्र में थके हुए कर दिया है। शहर में पूनम व अमावस का अंतर नही दिखाई देता है।